नई दिल्लीः सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के कर्मचारी आज देशव्यापी भूख हड़ताल पर हैं। कर्मचारी यूनियनों का आरोप है कि कंपनी प्रबंधन कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेने के लिए मजबूर कर रही है। इसलिए आज कर्मचारी हड़ताल पर हैं।
इस संदर्भ में रविवार को ऑल इंडिया यूनियंस एंड असोसिएशंस ऑफ भारत संचार निगम लिमिटेड (एयूएबी) के संयोजक पी अभिमन्यु ने कहा कि प्रबंधन कर्मचारियों को धमका रहा है। कर्मचारियों को कहा जा रहा है कि वीआरएस नहीं लेने पर उन्हें दूर भेजा जा सकता है। इतना ही नहीं, कर्मचारियों से यह भी कहा जा रहा है कि अगर उन्होंने वीआरएस नहीं लिया, तो उनकी सेवानिवृत्ति उम्र की आयु घटाकर 58 वर्ष की जा सकती है।
बता दें कि एयूएबी के अनुसार, कंपनी के आधे से ज्यादा कर्मचारी उसके साथ जुड़े हैं। अभिमन्यु ने कहा कि कर्मचारी अपनी इच्छा से वीआरएस योजना लें। कर्मचारियों को इसे लेने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन यह योजना कर्मचारियों के लिए फायदेमंद नहीं है।
बीएसएनएल में 77 हजार कर्मचारियों ने वीआरएस के लिए आवेदन किया है। कंपनी में कुल 1.50 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं। फिलहाल स्कीम के अनुसार यह सारे कर्मचारी 31 जनवरी 2020 को अपने-अपने पद से रिटायर हो जाएंगे।
ये है योजना
योजना के मुताबिक कंपनी के सभी स्थायी कर्मचारी, जो किसी दूसरे संस्थान या फिर विभाग में प्रतिनियुक्ति पर हैं और 50 साल की उम्र को पूरा कर चुके हैं वो वीआरएस के लिए आवेदन कर सकते हैं।
बीएसएनएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक पीके पुरवार ने कहा कि सरकार और बीएसएनएल की ओर से दी जा रही यह श्रेष्ठ वीआरएस सुविधा है और इसे कर्मचारियों को सकारात्मक रूप में देखना चाहिए। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पिछले महीने ही 69 हजार करोड़ रुपये का पुनरुद्धार पैकेज बीएसएनएल और एमटीएनएल को दिया था। एमटीएनएल ने भी अपने कर्मचारियों के लिए वीआरएस योजना पेश की है।