लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) अध्यक्ष मायावती ने सावरकर के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है। मायावती ने कहा कि शिवसेना अपने मूल अजेंडे पर कायम है, उसने नागरिकता संशोधन बिल पर केंद्र सरकार का साथ दिया और अब सावरकर पर भी कांग्रेस का रुख उसे बर्दाश्त नहीं है। बीएसपी नेता ने कहा कि इतना सब होने के बावजूद कांग्रेस महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार चला रही है। मायावती ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अब अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की तो यह उसकी नाटकबाजी मानी जाएगी और कुछ नहीं।
मायावती ने ट्वीट कर कहा, ‘शिवसेना अपने मूल अजेंडे पर अभी भी कायम है, इसलिए इन्होंने नागरिकता संशोधन बिल पर केंद्र सरकार का साथ दिया और अब सावरकर को भी लेकर इनको कांग्रेस का रवैया बर्दाश्त नहीं है। फिर भी कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना के साथ अभी भी बनी हुई है तो यह सब कांग्रेस का दोहरा चरित्र नहीं है तो और क्या है?
1. शिवसेना अपने मूल एजेण्डे पर अभी भी कायम है, इसलिए इन्होंने नागरिकता संशोधन बिल पर केन्द्र सरकार का साथ दिया और अब सावरकर को भी लेकर इनको कांग्रेस का रवैया बर्दाश्त नहीं है।
— Mayawati (@Mayawati) December 15, 2019
बीएसपी चीफ ने कहा, ‘अतः इनको (कांग्रेस) इस मामले में अपनी स्थिति जरूर स्पष्ट करनी चाहिए। वरना यह सब इनकी अपनी पार्टी की कमजोरियों पर से जनता का ध्यान बांटने के लिए केवल कोरी नाटकबाजी ही मानी जाएगी।’ ध्यान रहे कि सावरकर के मुद्दे पर शिवसेना और कांग्रेस के बीच तलवारें खिंच गई हैं। बीजेपी के ‘रेप इन इंडिया’ बयान पर राहुल गांधी ने शनिवार को कह दिया कि उनका नाम ‘राहुल सावरकर’ नहीं है, वह कभी माफी नहीं मांगेंगे।
राहुल गांधी के इस बयान के बाद शिवसेना ने हल्ला बोल दिया। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि राहुल गांधी के बयान से इतिहास नहीं बदलेगा। उन्हें राहुल को सावरकर के बारे में पढ़ने की नसीहत भी दे दी। राहुल इतिहास के पन्ने नहीं फाड़ सकते हैं। कांग्रेस के साथ इस मुद्दे पर बढ़ते गतिरोध के बीच शिवसेना ने कहा कि सावरकर पर शिवसेना अपने पुराने स्टैंड पर कायम है।
संजय राउत ने कहा, ‘राहुल गांधी के रामलीला मैदान में दिए बयान से इतिहास नहीं बदलेगा और उन्हें सावरकर के बारे में पढ़ना चाहिए। राहुल गांधी इतिहास के पन्ने नहीं फाड़ सकते हैं। सावरकर ने देश की आजादी में अपना योगदान दिया है। राहुल गांधी के बयान से सावरकर का महत्व नहीं होगा। गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठन नेता मनमोहन सिंह ने कहा था कि मतभेद हो सकते हैं, लेकिन इतिहास में सावरकर का योगदान है और रहेगा।’