लखनऊ: मायावती ने सर्वसमाज में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने के निर्देश देने के साथ कोआर्डिनेटरों का हिदायत दी है कि वह प्रत्याशियों को अनावश्यक परेशान न करें। कई क्षेत्रों में कोआर्डिनेटर द्वारा प्रत्याशियों से पैसा वसूलने की शिकायतें आ रही है। जिन क्षेत्रों में प्रत्याशियों की रिपोर्ट सही नहीं आ रही है, उनकी जांच कराकर बदलाव किया जा सकता है, लेकिन अधिकतर क्षेत्रों में बदलाव नहीं किया जाएगा।पार्टी के अंदर मचे घमासान को देखते हुये बसपा सुप्रीमो मायावती ने अब अपनी चुनाव रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। नई रणनीति के तहत पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में बदलाव किया गया है।
पार्टी में अब मंडल कोआर्डिनेटर की जगह जिलाअध्यक्ष का नया पद बनाया गया है। पार्टी के संगठनात्मक बदलाव के चलते पिछड़ा वर्ग समाज से चार प्रदेश महासचिव तैनात कर उन्हें मंडलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस नई रणनीति के तहत जिलाध्यक्षों के साथ जिलों में संयोजक भी तैनात रहेंगे।
संगठनात्मक बदलाव के साथ-साथ मायावती ने संगठनात्मक दायित्वों में भी बदलाव किया। इस बदलाव के तहत नसीमुद्दीन सिद्दीकी को कानपुर व राजधानी लखनऊ से हटाकर आगरा व अलीगढ़ मंडल की सुरक्षित सीटों की जिम्मेदारी दी गई है। सिद्दीकी के पास पश्चिमी उप्र के साथ उत्तराखंड का दायित्व बना रहेगा। Read- मायावती ने कांशीराम की हत्या की थी – बहन स्वर्ण कौर
अशोक सिद्धार्थ अब नसीमुद्दीन की जगह कानपुर, लखनऊ की जिम्मेदारी संभालेंगे। मुरादाबाद का काम देख रहे अतर सिंह राव का कद बढ़ाते हुए उनको मेरठ व अलीगढ़ की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं जोनल कोआर्डिनेटर सुनील चितौड़ का कद कम करते हुए उन्हें आगरा और अलीगढ़ मंडल से हटाकर केवल आगरा जिले की ही जिम्मेदारी दी गई है।
मायावती के पिछड़ों को जोड़ने के लिए तैयार नए प्लान में आरएस कुशवाहा, प्रतापसिंह बघेल, बिजेंद्र चौहान व सुरेश कश्यप को प्रदेश महासचिव नियुक्त करते हुए उन्हें मंडलवार दायित्व सौंपे गए। वहीं नसीमुद्दीन को नई जिम्मेदारी नहीं दी गई है। जिलों में संगठन को ताकत देने के लिए मंडल कोआर्डिनेटरों को जिलों में लगाया गया है।
उनको समन्वय कार्य करने के साथ ही नियमित समीक्षा भी करनी होगी। जिलों में अध्यक्षों का काम हल्का किया गया है। प्रत्येक जिलाध्यक्ष के साथ में अब एक संयोजक भी होगा। पार्टी के पुराने व समर्पित कार्यकर्ता को भी संयोजक का दायित्व दिया जाएगा। रिपोर्ट@ शाश्वत तिवारी