नई दिल्ली- आज बजट पेश करने वित्त मंत्री अरुण जेटली, वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हां के साथ संसद भवन पहुंच चुके हैं ! कुछ ही समय बाद उनका बजट भाषण शुरू होगा ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संसद पहुंच चुके हैं ! बजट पेश होने से पहले कैबिनेट की मीटिंग हो चुकी है और कैबिनेट मंजूरी भी मिल गई है !
टीचर, सीए जैसे प्रोफेशनल सर्विस देने वालों को फिलहाल 30 हजार या उससे ज्यादा की रकम पर 10 फीसदी टीडीएस देना होता है ! इसे बढ़ाकर 50 हजार किया जा सकता है ! कमीशन की रकम की सीमा 5 हजार रुपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये और टैक्स की दर 10 से घटाकर 5 फीसदी की जा सकती है ! इसका फायदा छोटे-छोटे सौदों में कमीशन मिलने वालों को होगा !
कॉरपोरेट टैक्स को चार साल में 30 से घटाकर 25 पर्सेंट करने की दिशा में एलान हो सकता है। बढ़े खर्च को पूरा करने के लिए इनडाइरेक्ट टैक्स में इजाफा किया जा सकता है या नया टैक्स लगाया जा सकता है। जीएसटी में 18 पर्सेंट टैक्स रेट का प्रपोजल है। इसे देखते हुए सर्विस टैक्स बढ़ सकता है। यह अभी 14.5 पर्सेंट है। स्टार्टअप इंडिया और डिजिटल इंडिया के लिए पैसा जुटाने को लेकर नया सेस लगाया जा सकता है। इन्वेस्टमेंट साइकिल में सुधार के लिए एलान मुमकिन। इन्फ्रास्ट्रक्चर में खर्च बढ़ाने की चुनौती होगी। कुछ अन्य फील्ड्स को फॉरेन इन्वेस्टमेंट के लिए खोला जा सकता है। लेबर बेस्ड फील्ड मसलन लेदर और ज्वैलरी इंडस्ट्री को कुछ टैक्स राहत दी जा सकती है। इम्पोर्टेड क्रूड ऑयल, पेट्रोल और डीजल पर कस्टम्स को फिर लागू किया जा सकता है।
वहीँ आज बजट में स्टार्ट अप के मुनाफे पर तीन साल तक टैक्स का एलान कर चुकी मोदी सरकार बजट में छूट की शर्तों को आसान कर सकती है ! तीन साल की सुविधा 10 साल के ब्लॉक में दिया जा सकता है ! यानी 10 साल के भीतर कभी भी तीन साल की टैक्स में छूट लेने का एलान किया जा सकता है ! इसके अलावा अपनी संपत्ति बेचने से मिले धन को स्टार्ट अप में लगाने पर कैपिटेल गेन से छूट का एलान पीएम कर चुके हैं !
बजट में इस प्रक्रिया की जानकारी दी जा सकती है ! इसके अलावा देश में उद्योग के बढ़ाने के लिए लाई गई मेक इन इंडिया योजना के तहत कंपनी बनाने की आसान प्रक्रिया जैसी सहूलियतों का एलान किया जा सकता है. जिससे देश में नौकरी के अवसर बढ़ेंगे !
खाद पर सब्सिडी सीधे-सीधे किसानों के खाते में डाले जाने की योजना का एलान हो सकता है ! छोटे और मंझोले किसानों के लिए बैंकों को विशेष तौर पर 50 हजार करोड़ रुपये तक का अतिरिक्त कर्ज देने की घोषणा भी कर सकते हैं ! बटाईदारी किसानों यानी दूसरे की जमीन पर तय पैसे या फसल के हिस्से के बदले खेती करने वाले किसानों को सामान्य किसान का दर्जा दिया जा सकता है !