जी20 शिखर सम्मेलन को औपचारिक रूप से वित्तीय बाजारों और विश्व अर्थव्यवस्था के सम्मेलन के रूप में जाना जाता है। वैश्विक मंच होने की वजह से यहां पर उठने वाले सभी मुद्दे खास अहमियत रखते हैं। दुनिया की कुल जीडीपी के 80 प्रतिशत से ज्यादा जीडीपी का प्रतिनिधित्व जी 20 में शामिल देश करते हैं।
नई दिल्ली: भारत साल 2020 में जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन करेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण पेश करते हुए शनिवार को सदन में इस बात की घोषणा की है। भारत इस वर्ष पहले ही शंघाई कोऑपरेशन समिट (एससीओ) समिट का आयोजन कर रहा है। यह सम्मेलन इस वर्ष के अंत में आयोजित होगा।
जी20 शिखर सम्मेलन को औपचारिक रूप से वित्तीय बाजारों और विश्व अर्थव्यवस्था के सम्मेलन के रूप में जाना जाता है। वैश्विक मंच होने की वजह से यहां पर उठने वाले सभी मुद्दे खास अहमियत रखते हैं। दुनिया की कुल जीडीपी के 80 प्रतिशत से ज्यादा जीडीपी का प्रतिनिधित्व जी 20 में शामिल देश करते हैं। पिछले कुछ वर्षों में जी 20 देशों ने वैश्विक आर्थिक विकास को लेकर काफी काम किया है। हाल में हुए जी 20 सम्मेलनों में आर्थिक और व्यापारिक मुद्दों के अलावा वैश्विक मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया है। जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य, आतंकवाद, जल संकट जैसे मुद्दों को जी 20 में प्रमुखता से उठाया गया है।जी-20 के सदस्यों में अर्जेंटीना, ब्राजील, चीन, जर्मनी, इंडोनेशिया, जापान, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, भारत, इटली, मैक्सिको, कोरिया गणराज्य, रूस, टर्की, अमेरिका, साउथ अफ्रीका, सऊदी अरब, ब्रिटेन, यूरोपियन यूनियन शामिल है।