मेरा यह विश्वास है कि आने वाले समय में भी हम सब मिलकर अपने देश के गौरवशाली अतीत से प्रेरणा लेते हुए, देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए, हर संभव प्रयास करेंगे और अपने प्रयासों में सफल भी, आइए, हम सब मिलकर नए भारत का सपना पूरा करें, हम सब मिलकर नया भारत बनाएं। जय हिंद!- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र की शुरुआत आज से हो गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में 2019-20 का आर्थिक सर्वे पेश करेंगी। वहीं, बजट सत्र को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के सेट्रल हॉल में अपना अभिभाषण दिया। इसके अगले दिन यानी 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का आम बजट पेश करेंगी। माना जा रहा है कि मोदी सरकार आम बजट में आयकर छूट को लेकर कोई बड़ा ऐलान कर सकती है।
मेरा यह विश्वास है कि आने वाले समय में भी हम सब मिलकर अपने देश के गौरवशाली अतीत से प्रेरणा लेते हुए, देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए, हर संभव प्रयास करेंगे और अपने प्रयासों में सफल भी, आइए, हम सब मिलकर नए भारत का सपना पूरा करें, हम सब मिलकर नया भारत बनाएं। जय हिंद!- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करके बजट सत्र का आगाज किया। अपने अभिभाषण के दौरान जब राष्ट्रपति ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का जिक्र किया तो सत्ता पक्ष के सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगभग एक मिनट तक मेजे थपथपाईं। वहीं विपक्षी सांसदों ने इसका विरोध किया। जिसके कारण राष्ट्रपति के अभिभाषण में व्यवधान पड़ा। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि राष्ट्र निर्माताओं की इच्छा का सम्मान करना हमारा दायित्व है।
उन्होंने कहा, ‘विभाजन के बाद बने माहौल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि- ‘पाकिस्तान के हिंदू और सिख, जो वहां नहीं रहना चाहते, वे भारत आ सकते हैं। उन्हें सामान्य जीवन मुहैया कराना भारत सरकार का कर्तव्य है।’ पूज्य बापू के इस विचार का समर्थन करते हुए, समय-समय पर अनेक राष्ट्रीय नेताओं और राजनीतिक दलों ने भी इसे आगे बढ़ाया। हमारे राष्ट्र निर्माताओं की उस इच्छा का सम्मान करना, हमारा दायित्व है।’
राष्ट्रपति ने कहा, ‘मुझे प्रसन्नता है कि संसद के दोनों सदनों द्वारा नागरिकता संशोधन कानून बनाकर, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की इच्छा को पूरा किया गया है। मैं पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार की निंदा करते हुए, विश्व समुदाय से इसका संज्ञान लेने और इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने का भी आग्रह करता हूं।’
राष्ट्रपति ने कहा कि शरणार्थियों को नागरिकता देने से किसी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘मेरी सरकार यह पुन: स्पष्ट करती है कि भारत में आस्था रखने वाले और भारत की नागरिकता लेने के इच्छुक दुनिया के सभी पंथों के व्यक्तियों के लिए जो प्रक्रियाएं पहले थीं, वे आज भी वैसी ही हैं। किसी भी पंथ का व्यक्ति इन प्रक्रियाओं को पूरा करके, भारत का नागरिक बन सकता है। शरणार्थियों को नागरिकता देने से किसी क्षेत्र और विशेषकर नॉर्थ ईस्ट पर कोई सांस्कृतिक प्रभाव न पड़े, इसके लिए भी सरकार ने कई प्रावधान किए हैं।’
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा से लोकतंत्र कमजोर होता है। उन्होंने कहा कि संसद ने नई सरकार के गठन के बाद पहले सात महीनों में कई ऐतिहासिक कानून पारित कर रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने कहा कि सरकार इस दशक को भारत का दशक बनाने के लिए मजबूत कदम उठा रही है।
सीएए सहित विभिन्न मुद्दों पर देश में चल रहे प्रदर्शनों की ओर संकेत करते हुए उन्होंने कहा कि विरोध-प्रदर्शनों के दौरान हिंसा से लोकतंत्र कमजोर होता है। उन्होंने कहा कि देश के लोग खुश हैं कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख को सात दशक बाद देश के बाकी हिस्सों के बराबर अधिकार मिले ।
इस अवसर पर सदन में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी एवं अन्य केन्द्रीय मंत्री, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, विभिन्न विपक्षी नेता तथा सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के सांसद मौजूद थे