बुलंदशहर में गोकशी की अफवाह फैलने के बाद हुई हिंसा पर आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यतक्ष अमित शाह ने बयान दिया है।
अमित शाह ने इसे एक दुखद घटना बताते हुए कहा कि मामले में एसआईटी का गठन किया गया है और वह जांच कर रही है।
इस घटना का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए, एसआईटी के रिपोर्ट पेश करते ही सब कुछ साफ हो जाएगा।
गोरक्षा के नाम पर हिंसा करने वाले चार गिरफ्तार
बुलंदशहर में गोकशी को लेकर हुई हिंसा मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मामले में मुख्य आरोपी योगेश राज फरार है। वह बजरंग दल का जिला संयोजक बताया जा रहा है।
घटना में भाजयुमो के स्याना अध्यक्ष समेत 28 लोगों को नामजद किया गया है। एडीजी कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने आरोपी योगेश राज के संगठन बजरंग दल का नाम लेने से परहेज करते हुए बताया कि पुलिस की छह टीमें आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह दबिश दे रही हैं।
इस बीच इंस्पेक्टर किरणपाल सिंह को सुबोध कुमार की जगह स्याना कोतवाली का जिम्मा सौंप दिया गया है। हालात काबू में हैं।
एडीजी आनंद ने बताया कि वीडियो फुटेज और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस का सहारा लेकर बाकी आरोपियों की पहचान कर कार्रवाई की जा रही है।
साथ ही भरोसा दिलाया कि किसी निर्दोष के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी। साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई होगी। दोषियों को किसी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।
एडीजी ने कहा कि घटना क्यों हुई? लापरवाही किसकी थी? गोकशी कहां हुई थी? कितने दिन पहले हुई थी? यह सब एसआईटी की जांच में सामने आ जाएगा।
एडीजी इंटेलिजेंस एसबी शिराडकर ने बुलंदशहर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। उन्हें 48 घंटे में अपनी रिपोर्ट देनी है।
आनंद कुमार ने बताया कि मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। एक एफआईआर गोकशी करने वालों के खिलाफ हुई है, जिसमें सात लोगों को नामजद किया गया है।
वहीं, पुलिस ने 28 लोगों पर नामजद, जबकि 60 अज्ञात पर मामला दर्ज कराया है। एफआईआर में योगेश राज का नाम शामिल है।
हालांकि, एडीजी कानून व्यवस्था ने कहा कि घटना के लिए जिम्मेदार संगठन के बारे में जानकारी नहीं है।