जम्मू : देश के अन्य हिस्सों की तरह जम्मू-कश्मीर में भी उमंग और जोश के साथ 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है। सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। श्रीनगर नगर निगम के मेयर जुनैद मट्टू ने निगम कार्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। श्रीनगर में उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा और जम्मू में सलाहकार राजीव राय भटनागर ने मुख्य समारोह में ध्वजारोहण किया। जिला मुख्यालयों और अन्य जगहों पर तिरंगा फहराया गया। 18 जिला मुख्यालयों में इस बार डीसी की जगह डीडीसी अध्यक्षों ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
वहीं, आतंक के पर्याय रहे बुरहान वानी के पिता मुज़फ्फर वानी ने गवर्नमेंट गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल त्राल में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। विद्यालय में कार्यक्रम के दौरान सभी अध्यापक भी मौजूद रहें। बता दें कि बुरहान ने 16 साल की उम्र में आतंक का रास्ता अपना लिया था। घाटी स्थित आतंकी संगठन हिजबुल के संपर्क में आने के बाद बुरहान को ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भेजा गया था। सुरक्षाबलों के लिए मन में नफरत रखने वाला यह आतंकी 2010 में हिजबुल में शामिल हुआ था।
पाकिस्तान से वापस कश्मीर आकर बुरहान ने घाटी के युवाओं को फुसलाकर आतंक के रास्ते पर लाना शुरू कर दिया था। एक के बाद एक कई बड़ी वारदातों को अंजाम देने के चलते यह जल्दी ही आतंक का आका बन गया था।
बुरहान युवाओं को सुरक्षाबलों के हथियार छीनने के लिए उकसाता था। इसके पीछे मकसद यह होता था कि एक बार हथियार छीनने की घटना में शामिल होने के बाद युवा वापस मुख्यधारा में लौट नहीं सकेंगे। उसके ग्रुप में कुछ भगोड़े पुलिसकर्मी भी शामिल थे।
बुहरान कश्मीर घाटी का पहला ऐसा आतंकी था जिसने आतंकवाद की पौध रोपने के लिए सोशल मीडिया का जमकर उपयोग किया।
बुरहान वानी पाकिस्तान में बैठे हिजबुल के आकाओं के इशारों पर न चलते हुए अपना अलग ही दबदबा कायम करना चाहता था। बुरहान ने दक्षिण कश्मीर में त्राल के जंगल के ऊपरी इलाकों में हाइडआउट बनाकर रखा था। उसके ब्रिगेड में शामिल होने वाले युवाओं को हथियारों का प्रशिक्षण भी इन्हीं पहाड़ी इलाकों में दिया जाता था।