कोलकाता- भारत में होने वाली मानव तस्करी में करीब 42 प्रतिशत नाबालिग बच्चियां पश्चिम बंगाल की होती हैं। गैर सरकारी संगठन क्राई (चाइल्ड राइट्स एंड यू) की ओर से मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में ऐसा कहा गया है।
क्राई ने 2014 के लिए राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का विश्लेषण किया और पाया कि देश में नाबालिग लड़कियों की खरीद से जुड़े करीब 75 प्रतिशत मामले महज चार राज्यों के हैं। भारत में नाबालिग बच्चियों की खरीद संबंधी सबसे ज्यादा 42 प्रतिशत मामले पश्चिम बंगाल में दर्ज हुए हैं। जबकि दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान पर क्रमश: असम, बिहार और ओडिशा हैं। हरियाणा में इस तरह के 14 प्रतिशत मामले हैं। क्राई के विश्लेषण के अनुसार, भारत में होने वाली बच्चियों की तस्करी के मामलों का 97 प्रतिशत इन पांच राज्यों में है।
गैर सरकारी संगठन के क्षेत्रीय निदेशक अतिन्द्र नाथ दास ने कहा कि सरकारी आंकड़े से मिल रहे मौजूदा रुझान के अनुसार पश्चिम बंगाल सहित कुछ अन्य राज्यों में बच्चों के लापता होने संबंधी मामलों की गंभीरता बढ़ती जा रही है। लापता बच्चों और संगठित अपराध के बीच बेहद करीबी संबंध है। वर्ष 2014 के लापता बच्चों के आंकड़े से पता चलता है कि गुमशुदा बच्चों में 70 प्रतिशत लड़कियां हैं।