नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) के विरोध में सोमवार को जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से संसद तक मार्च निकाल रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज किया।
इसके पहले प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच मार्च निकालने को लेकर लगभग एक घंटे तक गतिरोध बना रहा। पुलिस ने अंत में जामिया मिलिया इस्लामिया से कुछ ही दूरी पर स्थित होली फैमिली अस्पताल के पास प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए उनपर लाठीचार्ज किया।
प्रदर्शनकारियों ने संसद की ओर जाने की कोशिश की, जिसका पुलिस ने विरोध किया। इस धक्कामुक्की में दोनों तरफ से कई लोग बेहोश भी हो गए।
चार स्तरीय बैरिकेड और भारी सुरक्षाबलों की मौजूदगी के बावजूद, कुछ प्रदर्शनकारी बैरिकेड के ऊपर चढ़ गए, लेकिन उन्हें पुलिस के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा।
जब पुलिस पर प्रदर्शनकारियों ने जूते फेंकने शुरू कर दिए, आयोजकों को तत्काल प्रदर्शनकारियों से हिंसा रोकने के लिए कहना पड़ा।
इससे पहले जामिया मिलिया इस्लामिया से संसद तक नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) के विरोध में छात्रों का मार्च सोमवार को भारी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच शुरू हुआ। पुलिस ने इससे पहले प्रदर्शनकारियों को संसद तक मार्च करने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था।
मार्च का का आह्वान जामिया समन्वय समिति ने नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर(एनआरसी) के विरुद्ध किया था।
छात्रों ने 30 जनवरी को भी इसी तरह महात्मा गांधी की समाधि राजघाट तक मार्च निकालने की कोशिश की थी, लेकिन सीएए के समर्थन में नारे लगाने वाले एक व्यक्ति ने गोली चला दी थी और एक प्रदर्शनकारी छात्र घायल हो गया था।
जब पुलिस पर प्रदर्शनकारियों ने जूते फेंकने शुरू कर दिए, आयोजकों को तत्काल प्रदर्शनकारियों से हिंसा रोकने के लिए कहना पड़ा। इससे पहले जामिया मिलिया इस्लामिया से संसद तक नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) के विरोध में छात्रों का मार्च सोमवार को भारी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच शुरू हुआ। प्रदर्शन में कई महिलाएं भी थीं । हाथों में कई लोग तिरंगा थामे हुए थे और ‘हल्ला बोल’ के नारे लगा रहे थे । इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मानव श्रृंखला भी बनायी ।
प्रदर्शनकारी जेबा अनहद ने कहा, ‘‘दो महीने से हम प्रदर्शन कर रहे हैं । हमसे बात करने के लिए सरकार की तरफ से कोई नहीं आया, इसलिए हम उनके पास जाना चाहते हैं । ’’ पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की तो उनकी धक्का-मुक्की हो गयी। कई प्रदर्शनकारी बैरिकेड को पार कर गए।
पुलिस ने इससे पहले प्रदर्शनकारियों को संसद तक मार्च करने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था। मार्च का का आह्वान जामिया समन्वय समिति ने नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर(एनआरसी) के विरुद्ध किया था।
छात्रों ने 30 जनवरी को भी इसी तरह महात्मा गांधी की समाधि राजघाट तक मार्च निकालने की कोशिश की थी, लेकिन सीएए के समर्थन में नारे लगाने वाले एक व्यक्ति ने गोली चला दी थी और एक प्रदर्शनकारी छात्र घायल हो गया था। Demo-Pic