लखनऊ : हुसैनाबाद स्थित घंटाघर के समक्ष बीते शुक्रवार से नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में चल रहा महिलाओं का शांतिपूर्वक प्रदर्शन मंगलवार को भी जारी है।
इससे पहले सोमवार को एक तरफ जहां घंटाघर पार्क नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में नारों से गूंजता रहा तो दूसरी तरफ सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा माहौल में गर्मी पैदा कर रहा है।
महिलाओं के बुलंद हौसले 18 डिग्री तापमान में कम नहीं हुए। छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग महिलाएं कड़ाके की ठंड में रात-रातभर डटी हुई हैं। सोमवार देर रात महिलाओं ने मोमबत्ती जलाकर नारेबाजी की।
वहीं, गोमतीनगर पुलिस टेंट-तंबू उखाड़ कर ले गई। आरोप है कि महिलाओं से बदसलूकी की गई। वीडियो बना रही कुछ महिलाओं और युवतियों के मोबाइल फोन छीन लिए गए।
आपको बता दें कि रविवार को महिलाओं का हुजूम बढ़ने के बाद सोमवार को भी बरकरार रहा। हाथों में नो सीएए, नो एनआरसी, रिजेक्ट सीएए और बायकॉट एनआरसी जैसी नारे लिखी तख्तियां हाथों में लिए महिलाओं के साथ बच्चे भी घंटाघर पर डटे हैं।
महिलाओं का हौसला बढ़ाने पहुंची साझी दुनिया की अध्यक्ष एवं लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति डॉ. रूप रेखा वर्मा ने कहा कि भीषण ठंड में खुले आसमान के नीचे चार दिन से डटीं महिलाओं को मैं सलाम करती हूं।
ये वो औरतें हैं जो अपनी रसोई से पहली बार धर्म के आधार पर भेदभाव करने वालों के खिलाफ बाहर निकली हैं।
एडवा की मधु गर्ग ने राजधानी की कई महिलाओं के साथ प्रदर्शन में हिस्सेदारी की। उन्होंने पुलिस के रवैये की निंदा की।
कहा कि प्रशासन धारा 144 लगी होने के आधार पर धरने को अवैध बता रही है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि लोकतंत्र में विरोध करना संवैधानिक अधिकार है, सरकारें धारा-144 का दुरुपयोग कर जनता के संवैधानिक अधिकारों पर हमला करती हैं।