कोलकाता : कलकत्ता हाई कोर्ट ने बीजेपी को रथयात्रा की अनुमति देने से मना कर दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 9 जनवरी को होगी। इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की कूचबिहार से प्रस्तावित ‘रथ यात्रा’ को अनुमति देने से इंकार कर दिया है। इसका कारण देते हुए सरकार ने कहा कि रथ यात्रा से सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हो सकता है। राज्य के महाधिवक्ता ने बृहस्पतिवार को कलकत्ता हाईकोर्ट को यह जानकारी दी।
इसके बाद इस मामले पर सुनवाई करते हुए कोलकाता हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने भी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की कूचबिहार से प्रस्तावित ‘रथ यात्रा को अनुमति देने से गुरूवार को इनकार कर दिया। अब इस पर अगली सुनवाई 9 जनवरी को होगी। कोर्ट में सरकार का पक्ष रखते हुए सरकार के महाधिवक्ता (एजी) किशोर दत्ता ने अदालत को बताया कि कूचबिहार के पुलिस अधीक्षक ने शुक्रवार से भाजपा अध्यक्ष की प्रस्तावित रथ यात्रा को अनुमति देने से इंकार कर दिया है।
दत्ता ने कहा कि जिले में सांप्रदायिक मुद्दों का एक इतिहास रहा है और वहां से ऐसी सूचना है कि सांप्रदायिकता को उकसाने वाले कुछ लोग और उपद्रवी तत्व वहां सक्रिय हैं। इस मामले में पुलिस अधीक्षक (एसपी) द्वारा अनुमति देने से इंकार करने संबंधी पत्र में उल्लेख किया गया है कि भाजपा के कई शीर्ष नेताओं के साथ-साथ अन्य राज्यों से भी लोग कूचबिहार आएंगे। पत्र के मुताबिक इससे जिले की सांप्रदायिक संवेदनशीलता प्रभावित हो सकती है।
वहीं बीजेपी ने न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती की पीठ को बताया कि वह शांतिपूर्ण यात्रा करेगी। बीजेपी अपनी तीन रैलियों के लिए राज्य सरकार को अनुमति देने की मांग को लेकर अदालत गई है। इस पर न्यायाधीश ने पूछा कि अगर कोई अप्रिय घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? जवाब में बीजेपी के वकील अनिंद्य मित्रा ने कहा कि पार्टी एक शांतिपूर्ण रैली आयोजित करेगी लेकिन कानून और व्यवस्था को बनाए रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। बता दें कि, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का राज्य में पार्टी की ‘लोकतंत्र बचाओ रैली’ आयोजित करने का कार्यक्रम है जिसमें तीन ‘रथ यात्राएं’ शामिल हैं।