ठाणे- महाराष्ट्र के ठाणे में फर्जी कॉल सेंटर के जरिए अमेरिकियों से करोड़ों की ठगी करने वाला मास्टर माइंड सिर्फ 23 साल का शैगी नाम का लड़का है। पिछले हफ्ते महाराष्ट्र के ठाणे में पुलिस एक बड़े कॉल सेंटर फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है। 500 करोड़ का ये फर्जीवाड़ा देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड के बारे में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है।
पुलिस के अनुसार, इस पूरे फर्जीवाड़े को अंजाम देने वाला 23 साल का शाहगर ठक्कर उर्फ शैगी है। शैगी इस फर्जीवाड़े का सामने आने के बाद से फरारहै। पुलिस का कहना है कि शैगी के भारत से बाहर उड़ जाने का शक है। पुलिस का कहना है शैगी धोखाधड़ी करने के मामले में मास्टर है। पुलिस के मुताबिक, उसके कॉल सेंटर में काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि शाहगर करोड़पति था और कई मंहगी कारे उसके पास थीं।
पुलिस को कई और शहरों में जाल होने का शक
यूएस इंटरनल रेवेन्यू डिपार्टमेंट के इतिहास का यह सबसे बड़ा स्कैम माना जा रहा है। एफबीआई की सूचना पर ठाणे पुलिस और क्राइम ब्रांच ने कॉल सेंटर पर छापा मारा और 500 से ज्यादा कर्मचारियों को हिरासत में लिया है। ठगी का इंटरनेशनल रैकेट ठाणे के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने बताया कि यह एक इंटरनेशनल रैकेट है और इसमें विदेशी नागरिकों के भी शामिल होने के संदेह हैं। इस मामले की जांच चल रही है।
ठाणे पुलिस अब अहमदाबाद, नोएडा और बेंगलुरु में चल रहे कॉल सेंटर्स पर छापेमारी की तैयारी कर रही है। वहां भी इस ठगी के जाल फैले होने के संदेह हैं। यूनिवर्सल आउटसोर्सिंग सर्विसेज का धंधा ठाणे में मीरा रोड स्थित हरिओम आईटी पार्क में यूनिवर्सल आउटसोर्सिंग सर्विसेज कॉल सेंटर से ठगी का यह धंधा चलाया जा रहा था। जिस बिल्डिंग पर क्राइम ब्रांच ने छापा मारा उसमें नौ मंजिलें हैं जिनमें से सात में कॉल सेंटर चल रहे थे।
ऐसे करते थे ठगी
यूएस के इंटरनल रेवेन्यू सर्विसेज के फर्जी अधिकारी बनकर कॉल सेंटर के कर्मचारी अमेरिकियों को फोन लगाते थे और उन पर टैक्स बकाया होने की बात कहकर पहले डराते थे। अमेरिकियों से ये कहते थे कि उनके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा और तीन महीने जेल की सजा दी जाएगी। इसके अलावे वे अमेरिकियों को नौकरी से हटाए जाने समेत कई तरह की धमकियां देकर डरा देते थे।
ठाणे सीपी परमबीर सिंह ने बताया कि कॉल सेंटर के ठगों ने कई अमेरिकियों को रोने-गिड़गिड़ाने पर मजबूर कर दिया। इस तरह से धमकाकर अमेरिकियों से कई हजार डॉलर की वसूली की जाती थी या उनसे डेबिट कार्ड डिटेल्स निकाले जाते थे। इन डिटेल्स को मास्टरमाइंड तक भेज दिया जाता था। मास्टरमाइंड अमेरिकियों के खाते से पैसे निकालकर 30 परसेंट खुद रखता था और बाकी को कर्मचारियों में बांट देता था। पुलिस ने कुल 772 कर्मचारियों को कॉल सेंटर से हिरासत में लिया है, जिनमें से 70 को गिरफ्तार कर लिया गया है। कश्मीरा पुलिस थाने में इस मामले में केस दर्ज किया गया है।