दुनिया में कोरोना वायरस का कोहराम बरकरार है। साल 2019 से शुरू हुई ये महामारी अभी भी दुनिया के कई हिस्सों में फैली हुई है और अपना कहर बरपा रही है। वहीं भारत भी कोरोना वायरस के संक्रमित मामलों के आधार पर दुनिया में दूसरे नंबर पर आता है। भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर चल रही है और इस दौरान लाखों की संख्या में मामले सामने आ रहे हैं।
कई जानकारों का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर अपनी पीके से गुजर चुकी है लेकिन कोविड 19 के दैनिक मामले अभी भी लाखों की संख्या में आ रहे हैं। हालांकि पिछले 12 दिनों से कोविड-19 के दैनिक मामलों में लगातार गिरावट जारी है। देश में कोरोना वायरस सिर्फ लाखों जिंदगियां ही नहीं तबाह की हैं लेकिन स्वास्थ्य सिस्टम को हिला कर रख दिया है।
कोरोना के इस संकट काल में देश में नई-नई चुनौतियां सामने आ रही है। कोरोना वायरस के साथ-साथ अब देेश में एक और नई बीमारी फैल रही है, जो खतरनाक है और मरीज की जान तक ले सकती है। इस बीमारी का नाम है म्यूकोरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस।
ब्लैक फंगस के मामले कोविड मरीजों में सबसे ज्यादा है। पहले से मौजूद रिपोर्ट के मुताबिक, देश में कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों में ब्लैक फंगस का संक्रमण भी देखा जा रहा है। हालांकि अभी तक की रिपोर्ट में यह देखा गया है कि कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद मरीजों मेंं ब्लैक फंगस के लक्षण मिले हैं।
क्या कोविड और ब्लैक फंगस एक साथ हो सकता है?
मेडिसिननेट में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 के साथ फंगल इंफेक्शन हो सकता है। वो मरीज खासकर इसकी चपेट में आ सकते हैं, जो गंभीर संक्रमण से प्रभावित हैं या फिर जिन्हें पहले से कमोरबिडीटीज हैं। कोविड-19 के साथ फंगल इंफेक्शन होने से कई बार ये घातक भी साबित हो जाता है
कोविड-19 के साथ ब्लैक फंगस होने के लक्षण
बुखार, ठंड लगना, नाक बहना, सरदर्द, सांस लेने में दिक्कत होना।