ऑटोमोबाइल उद्योग भारत में बहुत तेजी से प्रगति कर रहा है। इससे इस क्षेत्र में युवाओं के लिए करियर अवसर की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं।
ऑटोमोबाइल इंजीनियर्स की मांग में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। इसमें वाहन बनाने वाली कंपनी से लेकर सर्विस स्टेशन, इंश्योरेंस कंपनियों, ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन, इंश्योरेंस कंपनियों जैसे क्षेत्रों में करियर की संभावनाएं हैं।
जैव प्रौद्योगिकी, रसायन शास्त्र, गणित, भौतिकी में रुचि रखने वाले युवा ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में करियर बना सकते हैं। 10वीं कक्षा के बाद डिप्लोमा किया जा सकता है।
ऑटो मोबाइल इंजीनियरिंग में बीई या बीटेक करने के लिए गणित, भौतिकी, रसायन शास्त्र, जैव प्रोद्योगिकी और कम्प्यूटर साइंस जैसे विषय के साथ 12वीं होना आवश्यक है।
ऑटो मोबाइल इंजीनियरिंग में स्नातक के बाद एमई या एमटेक भी किया जा सकता है। विशेषज्ञता हासिल करनी हो तो पीएचडी भी की जा सकती है। बीई या बीटेक में प्रवेश के लिए आईआईटी, जेईई, एआईईईई बिटसेट आदि अखिल भारतीय या राज्य स्तर की परीक्षाएं देनी होती हैं।
ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में निम्न कोर्स होते हैं-
– डिप्लोमा इन ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग।
– पीजी डिप्लोमा इन ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग।
– सर्टिफिकेट प्रोग्राम इन ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग।
– बीई ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग।
– बीटेक ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग।
देश के प्रमुख ऑटोमोबाइल कोर्स के संस्थान-
कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड रूरल टेक्नोलॉजी, मेरठ (उत्तरप्रदेश)
हिन्दुस्तान कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, मथुरा (उत्तरप्रदेश)।
महावीर इंस्टीटय़ूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, गाजियाबाद (उत्तरप्रदेश)
गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज, मोडासा, साबरकांठा (गुजरात)।
हिन्दुस्तान यूनिवर्सिटी, केलम्बक्कम, (तमिलनाडु)।
दिल्ली कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, पलवल (हरियाणा)।
मणिपाल इंस्टीटय़ूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मणिपाल (कर्नाटक)।