शानदार करियर की राह के सबसे चमकीले माइल स्टोन और हॉटेस्ट ट्रेंड के रूप में प्रसिद्ध हो चुके बी-स्कूल्स के बाद अब एक और ट्रेंड जोर पकड रहा है। ये हैं- आई-स्कूल्स का चलन। आई-स्कूल्स यानी इंफर्मेशन स्कूल्स। इन स्कूलों से निकले विद्यार्थियों को न केवल भारी-भरकम पैकेज दिए जा रहे हैं, बल्कि उनके आगे बढ़ने की संभावनाओं में भी तेजी से वृद्धि हो रही है।
अधिकांश कंपनियाँ अब इंफर्मेशन मैनेजर्स की आवश्यकता महसूस करने लगी हैं। इस आवश्यकता के पीछे तर्क यह है कि हमारा देश, जो कि आर्थिक उछाल के दौर से गुजर रहा है, उसे अब इंफर्मेशन मैनेजर्स की आवश्यकता है। शानदार करियर की राह के सबसे चमकीले माइल स्टोन और हॉटेस्ट ट्रेंड के रूप में प्रसिद्ध हो चुके बी-स्कूल्स के बाद अब एक और ट्रेंड जोर पकड रहा है। ये हैं- आई-स्कूल्स का चलन। आई-स्कूल्स यानी इंफर्मेशन स्कूल्स।’
पिछले 4-5 वषोध् में आई-स्कूल्स की यह अवधारणा तेजी से पनपी है और पिछले एक आध साल में ही इसे औपचारिक मंच भी मिल चुका है। इसके चलते आज अमेरिका में इसके कई संस्थान खोले जा चुके हैं- जैसे बर्कले स्कूल ऑफ इंफर्मेशन, स्कूल ऑफ इंफर्मेशन साइंस एंड टेक्नॉलॉजी (पेन स्टेट), मिशीगन स्कूल ऑफ इंफर्मेशन और पीट्र्सबर्ग स्कूल ऑफ इंफर्मेशन।
भारत भी इस दा़ैड में पीछे नहीं रहा और उसने अपना पहला आई-स्कूल मैसूर यूनिवर्सिटी के तहत स्थापित किया, जो कि इंटरनेशनल स्कूल ऑफ इंफर्मेशन मैनेजमेंट (आईएसआईएम) के नाम से जाना जाता है। इस संस्थान को इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफर्मेशन टेक्नॉलॉजी (पीट्र्सबर्ग वि.वि.) तथा इंफर्मेटिक्स इंडिया के सहयोग से संचालित किया जा रहा है।
यहाँ इंटरनेट टेक्नॉलॉजी, डाटा माइिंनग एंड डाटा वेयरहाउस, नेचुरल लैंगवेज प्रोसेिंसग, प्रोजेक्ट प्लािंनग, शेड्यूिंलग एंड मैनेजमेंट, इंफर्मेशन मैनेजमेंट एंड सिक्युरिटी जैसी चीजों को पढ़ाया जाएगा। हालाँकि इनमें से एक-दो विषय पहले अन्य संस्थाओं में इंजीनियिंरग कोर्सेस के साथ पढ़ाए जा रहे थे, लेकिन अब इंफर्मेशन मैनेजमेंट के तहत पढ़ाए जाने से इन विषयों के अलग से विशेषज्ञ पाए जा सकेंगे।
बहरहाल, आईटी बूम के जमाने में इंफर्मेशन मैनेजर्स को सभी कंपनियाँ बेहद तवज्जो दे रही हैं। इंफोसिस से लेकर टाटा स्टील तथा अन्य कई बड़ी कंपनियाँ ऐसे मैनेजर्स नियुक्त कर चुकी हैं। कई स्थानों पर तो ये मैनेजर्स सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स से भी अच्छा पैकेज पा रहे हैं।