हिसार: हिसार की महावीर कॉलोनी में ऑयल डिपो रोड पर स्थित एक निजी स्कूल में टेस्ट में कम नंबर आने पर चौथी कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा का मुंह काला कर उसे स्कूल में घुमाया गया। हालांकि परिजनों का आरोप है कि छात्रा के अलावा पांच और विद्यार्थियों का भी मुंह काला किया गया है। यह मामला शुक्रवार का है।
अगले दिन शनिवार को छात्रा की छोटी बहन ने परिजनों को मामले के बारे में बताया। परिजनों के मुताबिक जब वह स्कूल संचालक के पास गए तो उन्होंने माफी मांगने के बजाय उनके साथ दुर्व्यवहार किया। उधर, शिकायत देने के एक दिन बाद तक भी पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। सोमवार को दोबारा चौकी में आने के कई घंटों के बाद छात्रा के बयान दर्ज किए गए।
इस दौरान परिजनों ने मामले में एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज करने की मांग की तो पुलिस ने इस बारे में डीएसपी को अवगत कराया। इस पर डीएसपी ने छात्रा के परिजनों को मिलगेट थाने में बुलाया। जहां पीड़ित छात्रा व परिजनों से बातचीत के बाद इस मामले में स्कूल संचालक सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया।
छात्रा ने बताया कि वह चौथी कक्षा में पढ़ती है। शुक्रवार को प्रिंसिपल ने उनका अंग्रेजी विषय का टेस्ट लिया, जिसमें उसके 10 में से सात अंक आए। इसके बाद प्रिंसिपल ने आठ से कम अंक लेने वाले विद्यार्थियों को खड़ा कर दिया। फिर स्कूल की चपरासी को काला रंग लेकर आने को कहा।
प्रिंसिपल के कहने पर चपरासी ने उनके सभी के मुंह पर काला रंग लगा दिया। इसके बाद प्रिंसिपल ने सातवीं कक्षा से दो लड़कियों को बुलाया और हमें पूरे स्कूल में घुमाने को कहा। इसके बाद हमें सभी कक्षाओं में घुमाया गया और बच्चों से शेम-शेम भी करवाई गई।
छात्रा के पिता ने बताया कि प्रिंसिपल ने सभी विद्यार्थियों को इस सजा के बारे में घर पर बताने से साफ मना कर दिया। उसकी बेटी जब घर पहुंची तो दिनभर मायूस दिखी और बिना खाना खाए जल्द सो भी गई। शनिवार सुबह उसकी मां ने जब उसे स्कूल जाने को कहा तो उसने मना कर दिया।
तब मेरी छोटी बेटी जो उसी स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ती है, ने मामले के बारे में बताया। इसके बाद मेरी मां, पत्नी, भाभी व दो-तीन अन्य महिलाएं स्कूल पहुंचीं। जब उन्होंने प्रिंसिपल से इस बारे में पूछा तो उन्होंने इसे छोटी सी घटना बताया। आरोप है कि प्रिंसिपल ने उनसे कहा कि तुम्हारी बिरादरी के लोगों को हम पढ़ा रहे हैं, वह काफी है।
पीड़ित छात्रा के पिता के मुताबिक रविवार को वह पहले 12 क्वार्टर चौकी पहुंचे। वहां उनसे कहा गया कि स्कूल सब्जी मंडी चौकी के तहत आता है, इसलिए वहां जाओ। इसके बाद वह सब्जी मंडी चौकी पहुंचे और यहां शिकायत दी। साथ ही उन्होंने पुलिस से स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज कब्जे में लेने की मांग की, ताकि सच्चाई का पता चल सके।
इसके बाद वह रविवार सुबह 11 बजे फिर चौकी पहुंचे और कार्रवाई के बारे में पूछा। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि अभी स्कूल संचालक को फोन कर यहां बुलाते हैं। इस दौरान पुलिस ने उसकी बेटी के दो-तीन बार बयान दर्ज किए। दोपहर दो बजे वह पुलिस के साथ स्कूल में पहुंचे। मगर स्कूल बंद था और गेट के अंदर की तरफ ताला लगा था।
इस दौरान स्कूल संचालक अंदर ही थे। मगर पुलिस ने उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उनसे कहा कि स्कूल संचालक थोड़ी देर में चौकी पहुंच जाएंगे और इसके बाद सभी वापस चौकी आ गए। मगर दोपहर साढ़े तीन बजे स्कूल संचालक चौकी नहीं पहुंचे। उधर, छात्रा के परिजनों ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई करने की मांग की, जिसके बाद जांच अधिकारी ने डीएसपी को अवगत कराया। इस पर डीएसपी ने परिजनों को मिलगेट थाने में बुलाया।
उधर, इस मामले को लेकर बसपा कार्यकर्ता, जय भीम आर्मी व भगाना संघर्ष समिति के सदस्यों ने सब्जी मंडी चौकी के सामने नारेबाजी की। इस दौरान बसपा नेता व एडवोकेट बजरंग इंदल ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में लापरवाही बरती है। घटना के इतने दिन बाद भी कार्रवाई नहीं की गई। इस मामले में पुलिस को तुरंत स्कूल से सीसीटीवी फुटेज बरामद कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी।
इस मामले में स्कूल संचालक सहित तीन-चार अन्य के खिलाफ एससी-एसटी और जेजे एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। मैं खुद स्कूल में गया था, वहां डीवीआर नहीं थी। मैं इस मामले की जांच कर रहा हूं। – अशोक कुमार, डीएसपी