संघ और पीएमओ के खिलाफ दुष्प्रचार करने के आरोप में लखनऊ में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
‘नया भारतीय संविधान’ के नाम से एक किताब बांटी जा रही है। सोशल मीडिया में भी इसका प्रचार किया जा रहा है। सोलह पेज की इस किताब को मोदी राज में नया संविधान बताया जा रहा है।
पहले पन्ने पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की फोटो लगी है। इस किताब में संघ और प्रधानमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं। आरएसएस के नगर कार्यवाह तुलाराम निमेश ने एफआईआर दर्ज करवाई है।
नया भारतीय संविधान किसने लिखा ? किसने छपवाया ? या फिर कौन बांट रहा है ? ये अब तक पता नहीं चल पाया है। अब लखनऊ पुलिस इस पूरे मामले की जांच करेगी।
इस सिलसिले में शहर के दो पुलिस थानों, गोमतीनगर और हज़रतगंज में मुकदमा दर्ज हुआ है। सोशल मीडिया पर नया भारतीय संविधान वायरल हो रहा है। जब कुछ लोगों ने ये किताब पढ़ी तो संघ के लखनऊ कार्यालय से पूछताछ की, तो ये बताया गया कि आरएसएस का इस किताब से कोई लेनादेना नहीं है।
ये दुष्प्रचार किया जा रहा है कि ये किताब संघ की है। इस बुक में लिखा गया है कि भारत का नया संविधान इस साल 15 मार्च से लागू हो जाएगा।
अगर किसी के पास कोई सुझाव है तो संविधान लागू होने पहले उसे प्रधानमंत्री कार्यालय भेज सकते हैं। हर अच्छे सुझाव पर दस हज़ार रूपये का ईनाम मिलेगा।