नई दिल्ली- सोशल मीडिया के जमाने में अगर आपको ऐसा लगता है कि आप विचारों की आजादी के नाम पर कुछ भी लिख सकते हैं तो एक बार फिर से सोच लीजिए। मौजूदा समय में व्हाट्सएप को अपनी बात दूसरे लोगों के बीच एक साथ पहुंचाने का सशक्त माध्यम माना जाता है।
लेकिन व्हाट्सएप का इस्तेमाल जिस तरह से अपराध में किया जा रहा है उसे देखते हुए साइबर क्राइम के विशेषज्ञों ने इसके लिए योजना बनानी शुरु कर दी हैं। अब व्हाट्सएप ग्रुप पर अवांक्षनीय मैसेज भेजने पर ग्रुप एडमिन की मश्किलें बढ़ सकती हैं। हाल के दिनों में व्हाट्सएप पर जिस तरह से संदेश भेजे गये उसने लोगों के बीच मनमुटाव को भी बढ़ा दिया है।
मध्य प्रदेश पुलिस ने जारी किया सर्कुलर
व्हाट्सएप पर बढ़ते अवांक्षनीय मैसेज को देखते हुए मध्य प्रदेश पुलिस के मुख्यालय ने आदेश जारी किया है जिसके तहत व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन पर नजर रखी जाएगी। अब व्हाट्सएप ग्रुप में से किसी भी व्यक्ति को अगर बिना कारण बताये ग्रुप से निकाला जाएगा तो वह इसके खिलाफ मानहानि की लिखित शिकायत दर्ज करा सकता है। साइबर क्राइम के विशेषज्ञ एटीएफ डॉ अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि कानून व्यवस्था के लिहाज से यह फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया कि ग्रुप में जोड़ने से पहले अब एडमिन को ग्रुप में किसी को भी जोड़ने से पहले उसकी अनुमति लेनी अनिवार्य होगी।
यूपी में पुलिस कर रही सतर्क
हालांकि यूपी डीजीपी मुख्यालय की ओर से इस तरह का कोई सर्कुलर जारी नहीं किया गया है। पहले अगर बिना इजाजत किसी को संदेश भेजा जाता है तो आईटी एक्ट की धारा 66 ए के तहत कार्यवाही की जा सकती है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस धारा को हटा दिया है जिसके चलते पुलिस को ऐसे मामलों में शिकायत दर्ज कराने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
कानून का अभाव होने की वजह से पुलिस लोगों को सतर्क रहने की सलाह देती है। अगर कोई आपको बिना आपकी मर्जी के ग्रुप मे जोड़ता है हटाता है तो आपको सतर्क रहना चाहिए और किसी भी गलत मैसेज के खिलाफ आपको अपनी आपत्ति दर्द करानी चाहिए।