देहरादून – कोर्ट रूम के अंदर का नजारा उस समय फिल्मी हो गया जब स्पेशल सीबीआई कोर्ट के जज ने एक मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी इनकम टैक्स कमिश्नर के खिलाफ रिश्वत की पेशकश करने का आरोप लगाया।
स्पेशल सीबीआई जज अनुज कुमार संगल मुजफ्फनगर के वर्तमान इनकम टैक्स कमिश्नर श्वेताभ सुमन के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले की सुनवाई कर रहे थे। उन्होंने फैसला सुनाने के दौरान खुलेआम कोर्ट में आरोपी कमिश्नर के खिलाफ उन्हें अपने हक में फैसला देने के लिए रिश्वत की पेशकश करने का आरोप लगाया।
जज अनुज कुमार ने वरिष्ठ भारतीय राजस्व विभाग के अधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने एक थर्ड पार्टी के हाथों उन्हें रिश्वत देने का ऑफर किया था।
जज ने कमिश्नर श्वेताभ सुमन के खिलाफ रिश्वत की पेशकश करने के लिए प्रिवेंशन ऑफ करप्शन ऐक्ट के सेक्शन 12 के अंतर्गत एक मामला दर्ज का निर्देश दिया। कमिश्नर के खिलाफ पहले से ही आय से अधिक संपत्ति का मामला चल रहा है।
सीबीआई कोर्ट ने कमिश्नर की जमानत की याचिका की अपील भी खारिज कर दी। साथ ही, कोर्ट ने यह टिप्पणी भी कि उसे हिरासत में लेकर जेल भेज दिया जाए। हालांकि बाद में कोर्ट ने कमिश्नर की जमानत की अर्जी को स्वीकार कर लिया और 1-1 लाख रुपये के 2 पर्सनल बॉन्डों पर उसे जमानत दी। कोर्ट ने 20 जुलाई को सुनवाई की अगली तारीख तय की है।
कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया करते हुए कमिश्नर श्वेताभ सुमन के वकील यशपाल पुंदीर ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि जज को किसने और क्यों संपर्क कर रिश्वत की पेशकश की। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने जमानत याचिका को बिना कोई ‘कारण बताओ’ नोटिस दिए ही खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा कोर्ट में ऐसी किसी स्थिति में याचिका खारिज किए जाने के लिए ‘कारण बताओ’ नोटिस दिए जाने के प्रावधानों के साथ एक आवेदन दिया गया। इस आवेदन के बाद ही कोर्ट ने पर्सनल बॉन्ड लेकर जमानत की अर्जी को मंजूरी दी।