रांची : राजद अध्यक्ष लालू यादव को आज (24 मार्च को) रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने चारा घोटाले से जुड़े चौथे मामले में 14 साल की सजा सुनाई है और 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह मामला दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़ा है। सजा पर सुनवाई के दौरान शुक्रवार (23 मार्च) को कोर्टरूम में जब बचाव पक्ष के वकील ने जज से सजा में रहम देने की अपील की और कहा कि लालू यादव मधुमेह और रक्तचाप की बीमारी से ग्रसित हैं साथ ही उनकी उम्र ज्यादा है तो सीबीआई जज शिवपाल सिंह ने कहा कि यह बीमारी अमूमन सभी बड़े लोगों को होती है। जज ने उलटे पूछा कि क्या गरीबों को बीमारी नहीं होती है? जज ने यह भी कहा कि अक्सर पढ़े-लिखे लोग ही फ्रॉड करते हैं, अनपढ़ लोग नहीं। उन्होंने कहा कि अनपढ़ों का क्लब बनाना चाहिए।
अभियुक्त की बीमारी पर जज से सीबीआई के वकील ने कहा कि आजकल जेल में भी अच्छा इलाज होता है। वह भी नि:शुल्क। जज ने कहा कि वृद्धाश्रम से अच्छा है कि लोग जेल में ही रहें और बीमारी का वहीं इलाज कराएं। वहां काफी सुविधाएं बढ़ गई हैं। जज ने तंज भी कसा कि आरोपियों की वेशभूषा को देखकर नहीं लगता कि वे लोग जेल में हैं। यह भी टिप्पणी की कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश होने पर जब वो आरोपियों को देखते हैं तो उन्हें लगता है कि आरोपियों के चेहरे पर कोई शिकन नहीं है। लालू यादव इन दिनों रांची के होटवार जेल में चारा घोटाले में सजा काट रहे हैं। तबीयत खराब होने पर वो फिलहाल रिम्स में भर्ती हैं।
दुमका कोषागार मामले में लालू प्रसाद यादव और जगन्नाथ मिश्र समेत 31 लोगों को आरोपी बनाया गया था। लालू यादव के वकीलों को उम्मीद थी कि उनकी बढ़ती उम्र और खराब तबीयत के कारण कोर्ट उनकी सजा में कुछ नरमी बरतेगा। लेकिन कोर्ट ने कोई नरमी ना बरतते हुए लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले में सबसे बड़ी सजा सुनायी। लालू यादव इससे पहले चारा घोटाले के 3 अन्य मामलों में भी दोषी करार दिए जा चुके हैं। चारा घोटाले के कुल 6 मामलों में लालू प्रसाद यादव आरोपी हैं, जिनमें से पहले मामले में लालू यादव को साल 2013 में 5 साल की सजा, दूसरे मामले में साल 2017 में साढ़े तीन साल की सजा और तीसरे मामले में 5 साल की सजा सुनायी गई। अब चौथे दुमका कोषागार मामले में लालू यादव को दो धाराओं में 7-7 साल की सजा सुनायी गई है।