भोपाल – व्यापमं घोटाले की पड़ताल में जुटी सीबीआई ने मप्र के राज्यपाल रामनरेश यादव के बेटे शैलेष यादव की मौत को संदिग्ध मानते हुए पीई (प्रारंभिक जांच) दर्ज कर ली है। इसके अलावा पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2012 में 4 एवं पीएमटी परीक्षा के फर्जीवाड़े को लेकर 2 नई एफआईआर दर्ज की हैं। पीएमटी परीक्षा में असली आवेदकों के स्थान पर मुन्नाभाइयों को बिठाने की जांच की जाएगी। छहों मामले में कुल 57 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है।
राज्यपाल यादव के बेटे शैलेष की उनके लखनऊ में माल एवेन्यू स्थित सरकारी निवास पर 25 मार्च 2015 को संदिग्ध मौत हो गई थी। व्यापम घोटाले से जुड़े संविदा शिक्षक भर्ती घोटाले में एसटीएफ भोपाल ने जो प्रकरण दर्ज किया था उसमें शैलेष का नाम भी अभियुक्त में शरीक था। घटना के कुछ दिन पहले ही मप्र एसटीएफ ने 19 मार्च को शैलेष के पेट्रोल पंप पर नोटिस चस्पा कर दिया था। पूछताछ के बाद उसकी गिरफ्तारी की तैयारी की गई थी। एसटीएफ के समक्ष आरोपी वीरपाल ने बयान दर्ज कराया था कि उसने 10 उम्मीदवारों की नियुक्ति के लिए नामों की सूची और 3 लाख रुपए शैलेष के मित्र विजयपाल को राजभवन में सौंपे थे। व्यापमं से जुड़े इस मामले को सीबीआई ने संदिग्ध मौत मानते हुए पीई दर्ज कर ली है।
सीबीआई ने पहली एफआईआर पीएमटी परीक्षा 2004 के मामले में दर्ज की, इस मामले में 8 अभियुक्तों पर धारा 120 बी, 417, 419, 420, 467, 471 एवं मप्र पात्रता परीक्षा अधिनियम 1937 की धारा 3/4 भी लगाई गई है। शिकायत है कि परीक्षा में आवेदकों के स्थान पर फर्जी लोगों को बिठाया गया था। दूसरा प्रकरण भी पीएमटी परीक्षा 2005 का है। इसमें भी असली आवेदकों के स्थान पर मुन्नााभाइयों को बिठा दिया। सीबीआई ने 11 अभियुक्तों पर वही धाराएं लगाई हैं।
पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2012 के संदर्भ में 7 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है। इस मामले में भी सीबीआई फर्जी लोगों द्वारा परीक्षा दिए जाने का आरोप है। एसटीएफ भोपाल ने 7 मई 2015 को यह मामला दर्ज किया था। इसमें भी पहले प्रकरण जैसी धाराएं लगाई गई हैं। चौथी एफआईआर भी पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2012 की है जिसमें 27 अभियुक्त, पांचवे एवं छठवे प्रकरण भी पुलिस आरक्षक भर्ती 2012 के हैं। इनमें दो-दो अभियुक्त पर प्रकरण दर्ज किया गया है।