भोपाल – व्यापमं घोटाले की जांच कर रही सीबीआई भले ही फर्जीवाड़े के दायरे में आए कुछ आरोपियों सेे पूछताछ कर चुकी है लेकिन कतिपय सफेदपोश ऐसे भी हैं जो संदेह के दायरे में होने के बावजूद बचे हुए हैं। इनमें वे लोग भी हैं जिन पर एसटीएफ ने सवाल उठाए पर वे अभी सीबीआई जांच के दायरे से बाहर हैं। व्यापमं की पूर्व अध्यक्ष रंजना चौधरी व परीक्षा नियंत्रक रहे सुधीर सिंह भदौरिया से अब तक सीबीआई ने कोई पूछताछ नहीं की। वहीं सीबीआई आम लोगों की शिकायतें और जानकारी लेने से भी मना कर रही है।
बताया जाता है कि सीबीआई ने अब तक दर्ज किए सभी 128 प्रकरणों को लेकर संदिग्ध लोगों की लंबी फेहरिश्त तैयार कर ली है। जल्दी ही इन सभी को तलब किए जाने की तैयारी की है। लेकिन संदेह के दायरे में आने के बावजूद कतिपय लोग बचे हुए हैं उनकी भूमिका को लेकर सवाल उठ रहे हैं। घोटाले के संदर्भ में एसटीएफ रंजना चौधरी को पूछताछ के लिए तलब कर चुकी है। इसी तरह सुधीर सिंह भदौरिया के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज है। लेकिन दोनों पर अभी किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई।
पूर्व विधायक पारस सकलेचा का कहना है कि 13 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला सीबीआई को सौंपने का फैसला दिया, अगले दिन ही उन्होंने सीबीआई मुख्यालय पहुंचकर इस मामले से जुड़े अनेक दस्तावेज जांच के लिए सौंपे। इसके बाद 4 रिमाइंडर इस आग्रह के साथ दे चुके हैं कि फर्जीवाड़े के संदर्भ में वह कुछ जरूरी जानकारी और देना चाहते हैं पर उन्हें समय नहीं मिला। उनका यह भी आरोप है कि मामले में अनेक आला अफसर ऐसे भी हैं जो संदिग्ध भूमिका होने के बावजूद अब तक जांच से बचे हुए हैं।सूत्रों का कहना है कि सीबीआई के द्वारा किसी भी तरह की तरह की नई शिकायतें न तो ली जा रही हैं और न ही सुनी जा रही हैं। बताया जा रहा है कि गोपनीय जानकारी देने वालों से भी सीबीआई बात नहीं कर रही है।