लखनऊ- उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले की जांच कर रही सीबीआई पूर्व मुख्यमंत्री मायावती व बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख के जवाब से संतुष्ट नजर नहीं आ रही है।
केंद्रीय जांच एजेंसी मायावती से दोबारा पूछताछ की तैयारी कर रही है। दूसरी ओर, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी पीएमएलए के तहत मायावती से पूछताछ करने की तैयारी में है। इस मामले में ईडी भी अब तक 14 से ज्यादा मुकदमे दर्ज कर चुकी है।
पिछले दिनों मायावती से एनआरएचएम घोटाले के संबंध में सीबीआई ने पूछताछ की थी, मगर मायावती के जवाब से सीबीआई संतुष्ट नहीं हुई। मायावती से पूछताछ के दौरान सीबीआई दो चीजों पर स्पष्टीकरण चाह रही थी, मगर मायावती ने सवालों के जवाब संतोषजनक नहीं दिए।
सूत्रों के अनुसार, सीबीआई को अभी तक इन बातों का जवाब नहीं मिला कि आखिरकार उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री की क्या मजबूरियां रही थीं कि स्वास्थ्य विभाग और परिवार कल्याण विभाग को दो अलग-अलग मंत्रालय में बांटना पड़ा।
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री इस बात पर अड़ी रहीं कि यह फैसला राज्य के कैबिनेट ने लिया। इस निर्णय के पीछे कोई कारण नहीं था, लेकिन सीबीआई के अधिकारियों ने इस बात पर भी पूर्व मुख्यमंत्री से जवाब तलब किया कि क्या उस समय की केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार के साथ एमओयू पर जो हस्ताक्षर किए गए थे, उनका निर्णय इससे अलग नहीं था।
एमओयू में साफ कहा गया था कि कोई भी निर्णय खासतौर से एनआरएचएम के तहत दिए जा रहे धन से संबंधित हो, उसमें बिना केंद्र से सलाह लिए निर्णय नहीं लेना था। गौरतलब है कि उस समय की तत्कालीन यूपीए सरकार ने मायावती द्वारा उठाए गए इस कदम और लिए गए निर्णय का विरोध किया था।
ईडी सूत्रों के अनुसार, अब ईडी भी पीएमएलए के तहत पूर्व मुख्यमंत्री मायावती से भी इस बाबत पूछताछ करेगी। ईडी ने पहले ही बाबूसिंह कुशवाहा व उसके परिवार के सदस्यों के अलावा अन्य लोगों के भी करोड़ों की संपत्ति जब्त कर चुकी है।
सूत्रों के अनुसार, सीबीआई जानना चाह रही है कि आखिर क्या कारण थे कि सरकार ने सीएमओ के साथ-साथ जिला प्रोजेक्ट अधिकारी की जरूरत समझी और उनके द्वारा एनआरएचएम से संबंधित फंड जारी किया। ईडी भी इस मामले में पीएमएलए के तहत जिला प्रोजेक्ट अधिकारियों से पूछताछ कर बयान दर्ज करने की तैयारी कर रही है।