नई दिल्ली – दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रिसिंपल सेक्रेटरी राजेंद्र कुमार लंबे समय से सीबीआई के रडार पर थे। सीबीआई ने करीब तीन हजार फोन कॉल्स रिकॉर्ड किए और उसके बाद छापा मारा। सूत्रों के अनुसार दिल्ली सरकार के कुछ अफसरों से स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली। इसके बाद उन्होंने एक सॉफ्टवेयर कंपनी बनाई। इस कंपनी से प्रिसिंपल सेक्रेटरी भी जुड़ गए। आरोप है कि 2002 से 2014 के बीच राजेंद्र ने इस कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट के जरिए फायदा पहुंचाया। इस संबंध में दिल्ली डायलॉग कमीशन के पूर्व सेक्रेटरी आशीष जोशी ने पहले एसीबी फिर सीबीआई से शिकायत की थी। उधर, प्रिसिंपल सेक्रेटरी के घर शराब की 14 बोतलें बरामद हुई हैं। उन पर एक्साइज एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
आपको बता दें कि सीबीआई ने मीडिया को बताया कि छापेमारी पूरी तरह से नियमों के दायरे में की गई है। राजेंद्र कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। केजरीवाल आधारहीन आरोप लगाकर हमारी जांच बाधित न करें। सीबीआई की प्रवक्ता देवप्रीत सिंह ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा लगाए आरोप पूरी तरह से आधारहीन हैं। हम दिल्ली सरकार से निवेदन करते हैं कि हमारी जांच को बाधित न करें। देवप्रीत सिंह ने कहा कि छापेमारी राजेंद्र कुमार के दफ्तर पर की गईए मुख्यमंत्री के कार्यालय पर नहीं।
गौरतलब है कि सीबीआई की ओर से कहा गया है कि दिल्ली और उत्तर प्रदेश में कुल 14 स्थान पर छापेमारी की गई है। राजेंद्र कुमार के यहां की गई छापेमारी में तीन अचल संपत्ति और 2.4 लाख रुपए बरामद किए गए हैं। सीबीआई ने बताया कि राजेंद कुमार अपने ईमेल एकाउंट की जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। एक अन्य आरोपी टीसीआईएल के जीएम जीके नंदा के यहां से 10.5 लाख रुपए बरामद किए गए हैं।
छापेमारी की पुष्टि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने की। अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है कि नरेंद्र मोदी मुझसे राजनीतिक रूप से नहीं निपट पा रहे हैंए तो उन्होंने यह कायरता पूर्ण कार्य किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री को कायर और मनोरोगी भी बताया था।