बीजेपी और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर आईएसआई के लिए जासूसी का आरोप लगाने वाले बयान को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह घिर गए हैं।
विश्व हिंदू परिषद ने दिग्विजय के इस बयान की आलोचना करते हुए कहा कि सीबीआई को उनसे पूछताछ करनी चाहिए।
वीएचपी ने यह भी कहा कि अगर दिग्विजय गलत पाए जाते हैं तो उन्हें दंडित करना चाहिए।
उधर, दिग्विजय ने वीएचपी पर पलटवार करते हुए कहा है कि अगर बीजेपी और वीएचपी को देशद्रोहियों से सहानुभूति है तो वे खुलकर पैरवी करें लेकिन मैं उन्हें सजा दिलाने के लिए लड़ता रहूंगा।
दरअसल, दिग्विजय ने अपने बयान में कहा था, ‘ऐसे कुछ लोग जो कि बजरंग दल और बीजेपी के पदाधिकारी थे, आज भी हैं। आईएसआई के लिए जासूसी करते हुए पकड़े गए थे। उनकी जमानत हो गई। उन पर मुकदमा चलना चाहिए। देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए।’
इस बयान की निंदा करते हुए वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, ‘अगर दिग्विजय को इस बारे में कोई जानकारी है तो सीबीआई को उनसे जरूर पूछताछ करनी चाहिए। अगर पूछताछ में सीबीआई को यह पता चले कि दिग्विजय ने गलत बयान दिए हैं तो फिर उन्हें दंडित भी किया जाना चाहिए।’
कुमार के इस बयान पर पलटवार करते हुए ट्वीट में दिग्विजय ने लिखा, ‘जिस सीबीआई पर यूपीए शासन काल में बीजेपी और वीएचपी को भरोसा नहीं था। मोदी राज में उन पर अटूट विश्वास क्यों हो गया? बीजेपी शासनकाल में यह प्रकरण दर्ज हुआ था। बीजेपी और बजरंग दल के 15 पदाधिकारी गिरफ्तार हुए थे।’
एक अन्य ट्वीट में कांग्रेस नेता ने लिखा, ‘बीजेपी शासनकाल में ही उनकी जमानत हो गई। क्यों नहीं होती जब बीजेपी शासन ही उन्हें बचाने में लग गया था। बीएचपी को यदि नाराज ही होना है तो तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर होना चाहिए, जिन्होंने उन्हें आईएसआई से पैसा लेकर पाकिस्तान के लिए जासूसी करते हुए पकड़ा था।’
उन्होंने आगे लिखा, अब बताइए आएसआई से पैसा लेकर पाकिस्तान के लिए जासूसी करना देशद्रोह है या नहीं? मैं इस प्रकरण में उन सभी देशद्रोहियों की जमानत निरस्त कर सजा दिलवाने का सतत प्रयास करूंगा। यदि बीजेपी या वीएचपी को उन देशद्रोहियों से सहानुभूति है तो वे उनकी खुल कर पैरवी करें।