नई दिल्ली- इंडोनेशिया से गैंगस्टर छोटा राजन को लेने के लिए सीबीआई, दिल्ली और मुंबई पुलिस की छह सदस्यों की संयुक्त टीम रविवार को बाली पहुंच गई। विशेष टीम राजन के निर्वासन के लिए जरूरी सभी कागजात अपने साल लेकर गई है। इससे पहले, राजधानी जकार्ता स्थित भारतीय दूतावास के प्रथम सचिव संजीव कुमार अग्रवाल ने अंडरवल्र्ड डॉन राजन से मुलाकात की।
राजन की गिरफ्तारी के बाद उससे मुलाकात करने वाले वह पहले भारतीय अधिकार हैं। उल्लेखनीय है कि भारत-इंडोनेशिया के बीच प्रत्यर्पण संधि पर 2011 में हस्ताक्षर किए गए थे, लेकिन इसे अभी तक लागू नहीं किया जा सका है।
राजन मोहन कुमार की पहचान के साथ यात्रा कर रहे थे और उनके पास मिले पासपोर्ट का नंबर जी9273860 है। आस्ट्रेलियाई पुलिस की सूचना के आधार पर इंडोनेशिया की पुलिस ने राजन को हवाई अड्डे पर ही पकड़ लिया था।
इंडोनेशिया में भारतीय राजदूत गुरजीत सिंह ने शुक्रवार को कहा कि राजन के निर्वासन को लेकर प्रक्रिया शुरू हो गई है। हालांकि, इसको लेकर कोई समय सीमा तय नहीं की गई है। राजन ने एक वकील फ्रांसिस्को प्रस्सार को भ्भी नियुक्त किया है जो दो दिन पहले उससे जेल में भी मिला था।
गौरतलब है कि इंडिया के मोस्ट वांटेड क्रिमिनल छोटा राजन को इंडोनेशिया पुलिस ने 24 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद पुलिस उससे भारत में किए गए गुनाहों के बारे में पूछताछ कर चुकी है। अकेले मुंबई में ही राजन के खिलाफ 68 मामले दर्ज हैं। इनमें 20 से ज्यादा तो हत्या के मामले हैं।
सूत्रों ने बताया कि छोटा राजन पिछले छह महीनों से पुलिस अधिकारियों से संपर्क में था ताकि वह सुरक्षित भारत वापस लौट सके। उसे डर था कि कहीं दाऊद इब्राहिम का खास छोटा शकील उसे मरवा देगा।