श्री गंगानगर [ TNN ] लालगढ़ हल्का पटवारी, उपखंड अधिकारी सादुलशहर एवं जिला कलक्टर श्रीगंगानगर भी मान चुके है जमीन कब्रिस्तान की है और अधिकारियों की मिलीभगत के बिना ऐसा गैर कानूनी काम नहीं हो सकता है। मामले से संबंधी ज्यादातर दस्तावेज तहसील कार्यालय से गायब कर दिये गये है। मुस्लिम महासभा जिलाध्यक्ष अहसान अली खान एवं वक्फ ग्राम ईकाई सादुलशहर तहसील के अध्यक्ष साबूद्दीन भाटी ने प्रशासन को चेताया है कि अब यदि मुस्लिम समाज में कोई मौत होगी तो मुर्दे को लेकर मेन सडक़ पर तब तक बैठे रहेगे जब तक कब्रिस्तान की जमीन कब्रिस्तान नहीं मिल जाती है और दोषियों पर कार्यवाही नहीं हो जाती ।
श्रीगंगानगर जिले की सादुलशहर तहसील के अंतर्गत आने वाले गांव लालगढ़ जाटान में भूमाफिया लोगों ने प्रशासन के अधिकारियों की मिलीभगत से कब्रिस्तान पर भी कब्जा कर रखा है। यहां एक भी कब्रिस्तान नहीं है जिस कारण यहां रहने वाले मुस्लिम समुदाय में यदि कोई मृत्यु हो जाती है तो उसे दफनाने के लिए लालगढ़ से 20 किलोमीटर दूर गंगानगर जाना पड़ता है या 25 किलोमीटर दूर सादुलशहर ले जाना पड़ता है। सादुलशहर तहसील में लगभग 150 बीघा वक्फ बोर्ड की जमीनों पर काफी वर्षों से भू माफिया लोगों ने अवैध तरीके से नामांतरण करके कब्जा किया हुआ है जो गैर कानूनी है तथा इन भूमाफिया लोगों ने इस क्षेत्र के पटवारी, तहसीलदार एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से सांठगांठ करके करोड़ों-अरबों रुपयों की वक्फ बोर्ड की जमीन पर कब्जा किया हुआ है।
इसी बारे में सादुलशहर तहसील के वक्फ कमेटी ग्रामीण ईकाई के अध्यक्ष साबूद्दीन भाटी एवं मुस्लिम महासभा के जिलाध्यक्ष अध्यक्ष अहसाल अली ने कई बार तहसीलदार एवं एसडीएम सादुलशहर को प्रार्थना पत्र देकर मांग की थी कि प्रशासनिक अधिकारी भी इंसान है और इंसान होने के नाते इंसानियत निभाते हुए वे सभी तथ्यों दस्तावेजों और जगह का मौका मुयाअना ईमानदारी से करे परंतु इन भ्रष्ट अधिकारियों ने तो रुपये-पैसे को ही अपना मां-बाप-भाई-बहन बना लिया है किसी गरीब की जायज बात भी उन्हें सही नहीं लगती।
जब वक्फ कमेटी तहसील अध्यक्ष एवं मुस्लिम महासभा के जिलाध्यक्ष द्वारा ज्ञापन दिया गया तो लालगढ़ के हल्का पटवारी ने दिनांक 17.9.2013 को अपनी रिपोर्ट सादुलशहर के तहसीलदार को सौंपी जिसमें ये बताया गया कि पटवारी ने 8 एलएलजी में कब्रिस्तान की भूमि की मौके पर जाकर जांच की तथा मुरब्बा नं. 35 जो कि राजस्व रिकार्ड में खाता नं.94/84 में पुरुषोत्तम दास पुत्र रामेश्वरलाल अग्रवाल के नाम से दर्ज है यहां पर खेजड़ी के पेड़, बेर की झाडिय़ां, पुराने मटकों के टुकड़े बिखरे हुए पाये गये। (मुस्लिम समाज में कब्रों पर मटके रखे जाते थे ) जिस पर यह प्रतीत होता है कि इस जगह पर कब्रे रही होगी। सादुलशहर उपखंड अधिकारी रणजीत गोदारा द्वारा भी सामान्य शाखा कलेक्ट्रेट एवं को पत्र क्रमांक 3897 दिनांक 22.11.13 द्वारा यह बताया गया है कि हल्का पटवारी लालगढ़ द्वारा जो जांच की गई है वह सही पाई गई है। वहां पर किसी समय कब्रे रही होगी और यह जगह कब्रिस्तान की है।
परंतु एक साल बीत जाने के पश्चात भी इस जमीन का कब्जा भूमाफिया से छुड़वाकर वक्फ बोर्ड को नहीं दिया गया बल्कि उप तहसीलदार बृजलाल एवं पटवारी हंसराज ने सांठ-गांठ करके तहसील से इस मामले से संबंधित दस्तावेज गायब कर दिये तथा जान बूझकर इस मामले को लटकाते रहे जबकि जिला कलक्टर ने भी 8 एलएलजी की जमीन को वक्फ सम्पत्ति कब्रिस्तान की मानकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ जांच करके कानूनी कार्यवाही करने बाबत उपखंड अधिकारी सादुलशहर को पत्र क्रमांक 15846 दिनांक 12.11.14 भेजा है अब यदि उपखंड अधिकारी ईमानदारी से इंसानियत निभाते हुए अपने कर्तव्य का पालन करके तो मुस्लिम समाज की कब्रिस्तान की भूमि वापिस दिलवाकर एक नेक काम कर सकते है। यहां के लोगों को मुर्दे को दफनाने के लिए 20-25 किलोमीटर दूर नहीं जाना पड़ेगा।
रिपोर्ट :-एहशान अली