नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने आतंकी गतिविधियों में शामिल स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर लगे प्रतिबंध को और 5 सालों के लिए बढ़ा दिया है। गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन के बाद ये आदेश प्रभावी हो गया है। इसके पहले, यूपीए सरकार ने 1 फरवरी 2014 को सिमी पर पांच साल का प्रतिबंध लगाया था जिसे मोदी सरकार ने और पांच सालों के लिए बढ़ा दिया है।
इस नोटिफिकेशन में कहा गया है, गैरकानूनी गतिविधियां (निरोधक) अधिनियम, 1967 की धारा 3 की उप धारा (1) और (3) के अंतर्गत केंद्र सरकार सिमी को एक गैरकानूनी संगठन घोषित करती है। इस नोटिफिकेशन के बाद सिमी पर लगा प्रतिबंध अगले पांच सालों के लिए प्रभावी रहेगा।
गृह मंत्रालय के पास ऐसे 58 मामलों की सूची है जिसमें सिमी के सदस्य कथित रूप से शामिल हैं। मंत्रालय ने इस बाबत कहा है कि ये संगठन देश में साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ते हुए लोगों की सोच को विकृत कर रहा है। इस संगठन की गतिविधियां देश की सुरक्षा और एकता के विरुद्ध है। अगर सिमी की गैरकानूनी गतिविधियों पर अंकुश नहीं लगाया गया और नियंत्रित नहीं किया गया तो यह संगठन अपनी विध्वंसक गतिविधियां जारी रखेगा। ये अपने फरार कार्यकर्ताओं को फिर से संगठित कर तथा देश-विरोधी भावनाओं को भड़काते हुए भारत के धर्मनिरपेक्ष ढांचे को बाधित करेगा।
सिमी के सदस्यों के कई मामलों में शामिल रहने की बात सामने आई थी। 2017 के गया विस्फोट में सिमी के सदस्यों का हाथ होने की बात सामने आई थी। जबकि साल 2014 में बंगलूरू के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में विस्फोट और भोपाल जेलब्रेक कांड में भी इनके सदस्य शामिल रहे थे। सिमी नेता सिमी नेता सफदर नागौरी, अबू फैसल के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। ये मामले देश के अलग-अलग राज्यों, दिल्ली, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना के अलावा केरल में भी दर्ज हैं।