नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष राफले सौदे की निर्णय प्रकिया की जानकारी सीलबंद लिफाफे में सौंपी है। राफेल डील को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद सीजेआई रंजन गोगोई की बेंच ने राफेल फाइटर प्लेन की खरीद में सरकार ने किस तरह फैसला लिया, क्या प्रक्रिया अपनायी गयी, इसको लेकर मोदी सरकार से जानकारी मांगी थी। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 29 अक्टूबर की तारीख तय की है।
कोर्ट ने याचिका की सुनवाई के दौरान कहा था कि वह अपनी संतुष्टि के लिए निर्णय की प्रक्रिया को देखना चाहता है। बता दें कि एडवोकेट प्रशांत भूषण, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने सुप्रीम कोर्ट में राफेल डील पर PIL दाखिल कर इस मामले में कोर्ट की निगरानी में CBI जांच की मांग की थी। राफेल को लेकर मोदी सरकार पर विपक्ष दबाव बना रहा है और इस डील को लेकर कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों ने पीएम मोदी पर सीधे आरोप लगाए हैं।
Central government has submitted before Supreme Court the details of decision making process in the #Rafale deal with France with Court Secretary General, in sealed cover. pic.twitter.com/XxkUYbO7Em
— ANI (@ANI) October 27, 2018
राफेल डील को लेकर राहुल गांधी ने पीएम मोदी को भ्रष्ट कहा था और पूरी पार्टी ने हर मोर्चे पर सरकार को घेरने की कोशिश की है। दूसरी तरफ सरकार इस सौदे को देशहित में लिया गया फैसला और वायुसेना की क्षमता बढ़ाने वाला बता रही है। राफेल डील के मामले पर दायर याचिका पर अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 29 अक्टूबर को होगी।