नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को आंतरिक सुरक्षा मुद्दों पर चीन, ईरान और अफगानिस्तान जैसे ‘चिंता वाले कुछ देशों’ की एजेंसियों से सीधे तौर पर संपर्क रखने पर आगाह किया है और कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में इस तरह का कोई भी संवाद उसके मार्फत ही होना चाहिए।
सभी मुख्य सचिवों को हाल में भेजे गए पत्र के मुताबिक गृह मंत्रालय ने कहा है कि राज्य पुलिस बलों को मंत्रालय से पूर्व सलाह-मश्विरा के बगैर चिंता के विषय वाले देशों के संस्थानों या एजेंसियों के ऐसे आग्रहों पर विचार करने या उसे आगे बढ़ाने” के निर्देश नहीं दिए जाने चाहिए।
पत्र में कहा गया, गृह मंत्रालय के संज्ञान में आया है कि चिंता के विषय वाले देशों के कुछ विदेशी संस्थान/ एजेंसियां परस्पर सहयोग, प्रशिक्षण, संयुक्त अभ्यास, विचारों के आदान-प्रदान आदि के लिए गृह मंत्रालय के माध्यम से निमंत्रण भेजने की बजाए सीधे राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों को निमंत्रण भेज रहे हैं।’
मंत्रालय ने कहा कि वह इस बात को मानता है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कानून प्रवर्तन संबंधी सहयोग वांछित है लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा के हित के लिहाज से विदेशी संस्थानों या एजेंसियों खासकर चिंता के विषय वाले देशों की संस्थाओं से संपर्क करते हुए सजग और जांचा-परखा रवैया अपनाने की जरूरत है।
मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय सहयोग की प्रकृति जैसे फॉरेंसिक, विस्फोट, जांच, हथियारों एवं सुरक्षा उपकरणों की सरकारी खरीद से जुड़े अधिकारियों के प्रशिक्षण आदि के आधार पर सरकार ने केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की मदद से चिंता के विषयों वाले विभिन्न देशों की पहचान की है।