केंद्र सरकार का राज्यों को भेजा गया नवीनतम पत्र यह दर्शाता है कि लॉकडाउन के नियम अपनी मनमर्जी से तय करने वाले राज्यों के खिलाफ कार्रवाई होगी। इससे पहले भी विभिन्न राज्य लॉकडाउन के दौरान अपनी मनमर्जी कर चुके हैं।
कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने अब सख्त रुख अख्तियार कर लिया है।
सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को दोबारा एडवाइजरी जारी कर लॉकडाउन का सख्ती से पालन करने और अपनी मर्जी से केंद्र की गाइडलाइंस का उल्लंघन करने वाले आदेशों को तत्काल संशोधित करने के लिए कहा गया है।
केंद्र सरकार के सूत्रों का कहना है कि उल्लंघन के मामलों को लेकर ऐसे राज्यों से जवाब-तलब किया जाएगा और गृह मंत्रालय के आदेशों का उल्लंघन करने वाले राज्यों के खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है।
इस सिलसिले में केरल के मुख्य सचिव को अलग से सूचित करने के साथ ही सभी मुख्य सचिवों को एडवाइजरी जारी की गई है।
ताजा जानकारी के अनुसार केरल ने केंद्र सरकार की एडवाइजरी के हिसाब से अपने यहां संशोधित गाइडलाइन जारी भी कर दी है।
सोमवार को केंद्र सरकार ने यह जानने के लिए कि लॉकडाउन के नियमों का पालन सही से हो रहा है या नहीं, छह अंतर मंत्रालयी टीमों का भी गठन किया है। ये टीमें राज्यों में जाकर पता करेंगी कि वहां गृह मंत्रालय के निर्देशों की धज्जियां तो नहीं उड़ाई जा रही हैं।
इसके अलावा राज्यपालों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासकों से भी रिपोर्ट मांगी गई हैं। केंद्र सरकार ने राज्यों के मुख्यसचिवों को जो नवीनतम एडवाइजरी भेजी है, उसमें सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का हवाला दिया है, जबकि लॉकडाउन को लेकर इससे पहले भेज गए अधिकांश पत्रों में केवल निर्देश होते थे।
केंद्र सरकार ने अब साफ कर दिया है कि किसी भी राज्य को लॉकडाउन में मनमर्जी नहीं करने दी जाएगी।
इसके लिए सरकार ने राज्यपालों और खुफिया महकमे को जिम्मेदारी सौंपी है। जहां खुफिया महकमा लॉकडाउन में मिली छूट को लेकर रोजाना रिपोर्ट देगा, वहीं राज्यपालों की ओर से सप्ताह में दो बार रिपोर्ट भेजी जाएगी।
इसमें यह चेक होगा कि कहां पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी एडवाइजरी का उल्लंघन हो रहा है। यह भी पता लगाया जाएगा कि मनमर्जी वाले आदेश किसके दफ्तर से आए हैं और इसका नुकसान क्या हुआ है।
वाहनों को पास किस आधार पर जारी किए गए हैं, मजदूरों को क्या समूह में काम पर ले जाया गया है, उनके बीच सोशल डिस्टेंसिंग रखी गई है या नहीं, ऐसे लोगों को जो वाहन मुहैया कराए गए हैं, वे सैनिटाइज हैं या नहीं।
इन सभी की रिपोर्ट तैयार की जाएगी। रिपोर्ट में यह जिक्र भी होगा कि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन की छूट में जिन कारोबार को शामिल किया है, उनकी आड़ में कहीं कोई दूसरा काम तो नहीं हो रहा है।
केंद्र सरकार का राज्यों को भेजा गया नवीनतम पत्र यह दर्शाता है कि लॉकडाउन के नियम अपनी मनमर्जी से तय करने वाले राज्यों के खिलाफ कार्रवाई होगी। इससे पहले भी विभिन्न राज्य लॉकडाउन के दौरान अपनी मनमर्जी कर चुके हैं।
केंद्र सरकार ने सोशल डिस्टेंसिंग, क्वारंटीन सेंटरों और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा करने के लिए कई बार राज्यों को एडवाइजरी जारी की थी, लेकिन इसके बावजूद नियमों का उल्लंघन हुआ। क्वारंटीन सेंटर में रखे गए लोग भाग गए तो कहीं पर नर्सों के साथ अभद्रता हुई, यहां तक कि किसी जगह डॉक्टरों पर हाथ तक उठाया गया।