रायपुर : शादी के मंडप में मंत्रोचार, कुरआन की आयत और बाइबिल का पाठ एक साथ गूंजता रहा। तीनों धर्मों का संगम रायपुर में हुआ। खुशियों का ऐसा मिलन, जहां रिश्ते की डोर मजबूत होती रही। सामूहिक शादी समारोह में ईष्ट देवों के साथ अल्लाह का नाम और प्रभु यीशु का गुणगान किया गया। इस सकारात्मक सोच के जरिए नफरत करने वालों काे भाईचारे और एकजुटता का प्रदर्शन करके सटिक जवाब दे दिया गया।
मुख्यमंत्री निर्धन कन्या विवाह योजना के तहत रायपुर के इंडोर स्टेडियम में सामूहिक विवाह समारोह शनिवार को हुआ। लगभग 240 जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ। इसमें तीन जोड़े ईसाई समाज और एक मुस्लिम जोड़े का निकाह कराया गया। हिंदू जोड़ों को गायत्री परिवार के विद्वानों ने विधिवत मंत्रोच्चार के साथ फेरे करवाए। एक वेदी में चार जोड़ों को बिठाकर विवाह कराया गया। कुल 60 वेदियां बनाई गई।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जोड़ों को आशीर्वाद देने दोपहर को पहुंचे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विवाहित जोड़ों को उनकी वेदी के समक्ष जाकर आशीर्वाद दिया। मुख्यमंत्री के साथ महापौर एजाज ढेबर, विधायक कुलदीप जुनेजा मंचासीन रहे। मुख्यमंत्री ने कुछ जोड़ों को वैवाहिक प्रमाण पत्र दिया।
मुख्यमंत्री ने रायपुर के मंच से अन्य जिलों में हो रहे सामूहिक विवाह में शामिल लोगों से ऑनलाइन रुबरु हुए। सभी को आशीर्वाद दिया। दुर्ग, राजनांदगांव, कोंडागांव आदि जिलों के दुल्हा दुल्हन से बातचीत की। सभी जोड़ों ने खुशी जताई, मुख्यमंत्री ने कहा आप लोग दूल्हा, दुल्हन के जोड़े में अच्छे लग रहे हैं, खुश रहो, दाम्पत्य जीवन मधुर रहे। कांकेर की एक महिला ने मुख्यमंत्री की फरमाइश पर विवाह गीत और समधी को छेड़ने वाले गीत गाए।
कार्यक्रम का सीधा प्रसारण प्रोजेक्टर से किया जा रहा है। बता दें कि कोराना महामारी के दौरान लगभग 11 माह तक राजधानी में एक भी भव्य सरकारी आयोजन नहीं हुआ। साल 2020-21 के वित्तीय वर्ष में पहला भव्य सामूहिक विवाह का आयोजन इंडोर स्टेडियम परिसर में हुआ। जिला परियोजना अधिकारी अशोक कुमार पांडेय के अनुसार शासन के नियमों के तहत एक जोड़े पर 25 हजार रुपये खर्च का प्रावधान है। इस खर्च में शादी में होने वाली तैयारियों के अलावा जोड़ों को उपहार में दी जाने वाली सामग्री भी शामिल है।
टेंट-शामियाना पर पांच हजार
प्रति जोड़ा के हिसाब से टेंट, शामियाना, वर-वधू के स्वजनों को भोजन, फोटोग्राफी, आने-जाने के लिए वाहन पर प्रति जोड़ा पांच हजार खर्च का प्रावधान है।
14 हजार की गृहस्थ सामग्री
कुल 25 हजार में से 14 हजार रुपये गृहस्थी बसाने के लिए उपहार में दी जाने वाली सामग्री पर खर्च होंगे। इस राशि से वर-वधू का पोशाक, चुनरी, साफा, श्रृंगार सामग्री, सूटकेस, अलमारी, पंखा, गद्दा, चादर, तकिया, प्रेशर कुकर, बर्तन आदि रसोई की सामग्री शामिल है।
चांदी की पायल, बिछिया और मंगलसूत्र
दुल्हन के लिए चांदी की पायल, बिछिया, चांदी का मंगल सूत्र भी दिया गया है। इसमें लगभग पांच हजार रुपये का जेवर दिया गया। वर-वधू को एक हजार रुपए बैंक ड्राफ्ट अथवा चक दिया गया।
ऑन द स्पाट वैवाहिक प्रमाणपत्र
सामूहिक विवाह आयोजन में पहली बार आम जनता के लिए भी ऑन द स्पाट वैवाहिक प्रमाणपत्र बनाए जाने की व्यवस्था नगर निगम द्वारा की गई। जिन जोड़ों का विवाह हो रहा है, उन्हें तो प्रमाणपत्र मिलेगा ही, साथ ही आम जनता के लिए भी प्रमाणपत्र बनवाने की व्यवस्था की गई है।
गायत्री परिवार के 100 विद्वान करा रहे फेरे
समता कॉलोनी स्थित गायत्री शक्तिपीठ के 100 विद्वान पंडित विधिवत फेरों की रस्म निभा रहे हैं। सामूहिक आयोजन में मुस्लिम जोड़ों का निकाह कराने के लिए मौलवी और दो ईसाई जोड़ों की शादी कराने पादरी की व्यवस्था की गई।
60 वेदी, प्रत्येक में चार जोड़े
विधिवत फेरे संपन्न कराने ईटों से 60 वेदियां बनाई गई हैं। प्रत्येक वेदी में चार जोड़े बैठेंगे। इनडोर स्टेडियम में दूल्हा-दुल्हन के रिश्तेदारों समेत 10 हजार मेहमानों के लिए भव्य रिसेप्शन का आयोजन किया गया।