भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा कि राज्य में अभूतपूर्व संवैधानिक संकट पैदा हो गया है क्योंकि मुख्यमंत्री तो कमलनाथ हैं, लेकिन सरकार दिग्विजय सिंह चला रहे हैं।
चौहान ने कहा कि राज्य के मंत्रियों के पास दिग्विजय की चिठ्ठी जा रही है कि उन्हें बताएं कि उनके द्वारा बताए गये कौन-कौन से काम हुए है और यदि नहीं हुए हैं तो क्यों नहीं हुए हैं।
चौहान ने ट्वीट किया, ‘‘मध्यप्रदेश में अभूतपूर्व संवैधानिक संकट पैदा हो गया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ हैं, लेकिन सरकार दिग्विजय सिंह चला रहे हैं। उनकी (दिग्विजय) चिठ्ठी (मध्यप्रदेश के मंत्रियों को) जा रही है, कौन-कौन से काम हुए, बताओ। क्या मंत्री को धमकाने का अधिकार उनको है? इसलिए कांग्रेस को स्थिति स्पष्ट कर इस संकट को समाप्त करना चाहिए।’’
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘‘कांग्रेस हाईकमान को हस्तक्षेप करके यह तय करना चाहिए कि सरकार कौन चलाए। सरकार कोई और चलाए और मुख्यमंत्री पद की शपथ कोई और ले, यह होना नहीं चाहिए। पर्दे के पीछे से सरकार नहीं चलनी चाहिए। सामने से चलनी चाहिए, पारदर्शी तरीके से चलनी चाहिए।’’
चौहान ने कहा, ‘‘कांग्रेस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मुख्यमंत्री पद की जिसने शपथ ली है, वही सरकार चलाए। अफसरों के लिए बड़ी अजीबोगरीब और असमंजस की स्थिति निर्मित हो गई है कि वे किसकी सुनें, किसकी नहीं, किसकी मानें, किसकी नहीं। इसलिए कांग्रेस को स्थिति स्पष्ट कर इस संकट को समाप्त करना चाहिए।’’
मालूम हो कि मध्यप्रदेश के वन मंत्री उमंग सिंघार ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिख कर स्वयं यह स्वीकारा है कि दिग्विजय सिंह पर्दे के पीछे से सरकार चला रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि दिग्वियज सिंह ने मध्यप्रदेश सरकार के मंत्रियों को हाल ही में पत्र लिखकर तबादलों और अन्य कार्यो के बारे में लिखे गये उनके पत्रों पर की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी थी।
उन्होंने सभी मंत्रियों से मिलने के लिये 31 अगस्त तक समय देने का आग्रह किया था, ताकि वह जान सकें कि उनकी सिफारिशों पर क्या कार्रवाई की गई है।