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Saturday, November 2, 2024

GST Bill पर आपके सवाल और जवाब !

Check out this simple chart On GST Billनई दिल्ली- देश में एक समान वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने वाला एवं भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण माना जा रहा ऐतिहासिक, बहुप्रतीक्ष्रित और बहुचर्चित ‘संविधान (122वां संशोधन) विधेयक 2014 राज्यसभा में सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।

कैसे हुआ पास ?
विधेयक पर बहस शुरू करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, “देश के इतिहास में यह सबसे बड़ा कर सुधार होगा। इसीलिए जीएसटी पर राजनीतिक सहमति बनाया जाना बेहद जरूरी है। जीएसटी को लागू कर देश की अर्थव्यवस्था का प्रबंधन सर्वश्रेष्ठ तरीके से किया जा सकेगा, क्योंकि यह राज्यों को सशक्त बनाएगा और राज्यों तथा केंद्र के राजस्व में इजाफा करेगा। इस समय चल रहे आर्थिक संकट के काल में यह देश की अर्थव्यवस्था में जान फूंकने वाला साबित होगा।”

उल्लेखनीय है कि जीएसटी के तहत पूरे देश में एकसमान कर व्यवस्था लागू हो जाएगी और राज्यों के सभी कर हट जाएंगे। जीएसटी कर प्रणाली में केंद्रीय उत्पाद शुल्क, राज्यों के वैट, मनोरंजन, प्रवेश और अन्य कर खत्म हो जाएंगे और एक निश्चित दर पर जीएसटी कर लागू हो जाएगा। शराब और पेट्रोलियम उत्पादों को हालांकि जीएसटी की सीमा से बाहर रखा गया है।

कब आया था जीएसटी बिल ?
जीएसटी को पूर्व कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने सबसे पहले पेश किया था। साल 2006-07 के आम बजट में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा था कि सरकार 1 अप्रैल 2010 से जीएसटी लागू करेगी। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। राज्यों के वित्त मंत्रियों के उच्चाधिकार प्राप्त समिति को जीएसटी का मॉडल और उसे लागू करने की जिम्मेदारी दी गई।

उल्लेखनीय है कि जीएसटी विधेयक का प्रस्ताव पहली बार 2003 में सामने आया, हालांकि उसके सात साल बाद पहली बार औपचारिक तौर पर इसे संसद में पेश किया गया। जेटली ने कहा, “अगर हमने कांग्रेस द्वारा तैयार जीएसटी विधेयक सदन के पटल पर रखा होता तो एक भी राज्य इस पर अपनी सहमति नहीं देता।”

लोकसभा चुनाव-2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार बनने के बाद इस विधेयक को बड़े संशोधन के साथ 19 दिसंबर, 2014 को लोकसभा में पेश किया गया। लोकसभा में जीएसटी विधेयक छह मई, 2015 को पारित हुआ। इसके बाद विधेयक को राज्य सभा की प्रवर समिति के पास समीक्षा के लिए भेजा गया, जिसने 22 जुलाई, 2015 को अपनी रिपोर्ट दी।

क्या होता है जीएसटी ?
जीएसटी के लागू होने से हर सामान और हर सेवा पर सिर्फ एक टैक्स लगेगा यानी वैट, एक्साइज और सर्विस टैक्स की जगह एक ही टैक्स लगेगा। आम भारतवासी को जीएसटी से सबसे बड़ा फायदा होगा कि पूरे देश में सामान पर देश के लोगों को एक ही टैक्स चुकाना होगा। यानी पूरे देश में किसी भी सामान की कीमत एक ही रहेगी। वर्तमान में वस्तुओं पर भिन्न प्रकार के टैक्स लगते हैं।

आप किसी भी राज्य में रहते हो, आपको हर सामान एक ही कीमत पर मिलेगा। जैसे अगर दिल्ली में किसी गाड़ी को खरीदा जाता है तो दूसरे राज्यों की अपेक्षा उसकी कीमत भिन्न होती है। यानी जीएसटी के लागू होने से आम आदमी को सस्ता सामान मिलेगा। भारत में वर्ष 2006-07 के आम बजट में पहली बार इसका जिक्र किया गया था। वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाले अधिकतर करों को जीएसटी के अंतर्गत लाने का प्रस्ताव है।

Tax पर क्या होगा असर ?
इसके लागू होते ही केंद्र को मिलने वाली एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स सब खत्म हो जाएंगे। राज्यों को मिलने वाला वैट, मनोरंजन कर, लक्जरी टैक्स, लॉटरी टैक्स, एंट्री टैक्स, चुंगी वगैरह भी खत्म हो जाएगी। जीएसटी के लागू होने से टैक्स संरचना में सुधार होगा। टैक्स भरना आसान हो जाएगा। इससे टैक्स चोरी रुक जाएगी। किसी भी प्रोडक्ट पर लगने वाला कर एक सा रहेगा। इसका सीधा असर देश की जीडीपी पर पड़ेगा और देश की अर्थव्यस्था सुधरेगी।

किसको होगा फायदा ?
जीएसटी लागू होने पर कंपनियों का परेशानियां और खर्च भी कम होगा। व्यापारियों को सामान एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी। एक टैक्स संरचना होने से उनके लिए टैक्स भरना भी आसान होगा। जब किसी कंपनी को अलग-अलग टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा तो सामान बनाने की लागत घटेगी, इससे सामान सस्ता होने की उम्मीद भी है।

राज्य क्यों हुआ राजी ?
राज्यों को यह डर था कि जीएसटी लागू हुआ तो उनकी कमाई कम हो जाएगी। खासकर पेट्रोल डीजल से तो कई राज्यों का आधा बजट चलता है, तो ऐसी परिस्थिति में केंद्र ने राज्यों को राहत दे दी कि इन वस्तुओं पर अभी जो टैक्स राज्य ले रहे हैं, वो शुरुआती बरसों में लेते रहें। राज्यों का जो नुकसान होगा उसकी भरपाई पांच साल तक केंद्र करेगा। इसके अलावा जीएसटी से जो टैक्स मिलेगा, वो केंद्र और राज्य में एक तय हिसाब से बंटेगा। पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, रसोई गैस पर अलग-अलग राज्य में जो टैक्स लगते हैं, वो अभी कुछ साल तक जारी रखने का निर्णय इस बिल के लागू होने के बाद लिया गया है।

टैक्स भरने में क्या फायदा ?
जीएसटी आने के बाद टैक्स का ढांचा पारदर्शी होगा और असमानता नहीं होगी। काफी हद तक टैक्स विवाद कम होंगे। जीएसटी लागू होने से ढेरों टैक्स कानून और रेगुलेटरों का झंझट नहीं होगा। साथ ही, सब कुछ ऑनलाइन होगा। इससे एक ही व्यक्ति या संस्था पर कई बार कर लगाने की समस्या से छुटकारा मिलेगा। इससे कुछ राज्यों में राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।

जीएसटी बिल से क्या फायदा होगा?
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स केंद्र और राज्यों के 20 से ज्यादा अप्रत्यक्ष करों की जगह लेगा। इसके लागू होने पर एक्साइज, सर्विस टैक्स, एडिशनल कस्टम ड्यूटी, वैट, सेल्स टैक्स, मनोरंजन कर, लक्जरी टैक्स और ऑक्ट्रॉय एंड एंट्री टैक्स जैसे कई टैक्स खत्म हो जाएंगे। पूरे देश में एक समान टैक्स लागू होने से कीमतों का अंतर घटेगा।

यहां ये बताना भी जरूरी है कि जीएसटी लागू होने के बाद भी पेट्रोल, डीज़ल, शराब और तंबाकू पर लगने वाले टैक्स में कोई बदलाव नहीं होगा। सरकार और उद्योग जगत दोनों का ही मानना है कि जीएसटी लागू होने से पूरे देश में कारोबार करना आसान होगा, जिससे जीडीपी में कम से कम 2 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है।

जीएसटी से क्या सस्ता क्या महंगा ?
GST के लागू होने से देश भर में टैक्स की दरें बदलेंगी जिसका असर सामानों कीमतों पर भी पड़ेगा। GST बिल में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स की दर 18 फीसदी रखे जाने की चर्चा है।

डिब्बाबंद फूड प्रोडक्ट 12% तक महंगे हो सकते हैं।
कपड़े, रत्न-आभूषण महंगे हो सकते हैं। इन पर कम से कम 12 फीसदी टैक्स लगने के आसार हैं, जिससे इनके दाम बढ़ सकते हैं।
मोबाइल बिल, क्रेडिट कार्ड का बिल महंगे होने के आसार हैं। इसके अलावा डिस्काउंट वाले प्रोडक्ट महंगे पड़ेंगे क्योंकि जीएसटी में टैक्स एमआरपी पर लगेगा। छोटी कारें और मिनी एसयूवी सस्ती हो सकती हैं।

घरेलू सामान एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, माइक्रोवेव ओवन सस्ते हो सकते हैं –
रेस्तरां का बिल कम होगा क्योंकि जीएसटी के तहत सिर्फ एक ही टैक्स लगेगा। जीएसटी से एंटरटेनमेंट टैक्स कम होगा। इससे सिनेमा के टिकट सस्ते होने की उम्मीद की जा सकती है। उद्योगों को जीएसटी लागू होन पर 18 तरह के टैक्स नहीं भरने पड़ेंगे. टैक्स भरने की प्रक्रिया भी आसान होगी।

काले धन पर लगाम लगेगी ?
एक्सपर्ट का कहना है कि जीएसटी से काले धन पर लगाम लगेगी तथा अधिक प्रभावी कराधान प्रणाली का मार्ग प्रशस्त होगा लेकिन इसे अप्रैल 2017 से इसे लागू करना चुनौतीपूर्ण नजर आ रहा है। जानकारों की राय में जीएसटी लागू होने के बाद पहले 3 साल तक महंगाई बढ़ने के आसार रहते हैं, लेकिन उसके बाद इसमें राहत मिलने की उम्मीद की जाती है।

वॉलमार्ट ने जीएसटी को बताया प्रगतिशील
मल्टीनेशनल कंपनी वॉलमार्ट ने कहा कि जीएसटी बिल का राज्य सभा में पास होना सचमुच काफी प्रगतिशील कदम है। जीएसटी व्यवस्था से समूचा भारत वस्तु एवं सेवाओं के लिये एक साझा बाजार बन जायेगा और इससे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा तथा खुदरा क्षेत्र को काफी मदद मिलेगी। [एजेंसी]




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