रायपुर [ TNN ] अंबेडकर अस्पताल में शहीदों के पोस्टमार्टम के बाद उनकी वर्दी, जूते, बैच कचरे के ढेर में पाए जाने सहित तीन मामले की जांच के लिए गुरुवार को चिकित्सा शिक्षा संचालक (डीएमई) प्रताप सिंह ने 3 सदस्यीय कमेटी गठित की। शुक्रवार को कमेटी अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर कार्रवाई होगी। जानकारी के मुताबिक संचालनालय में तकनीकी सलाहकर डॉ. एन गांधी को कमेटी का अध्यक्ष बनाया है, संचालनालय में ही पदस्थ उप संचालक डॉ. सुमित त्रिपाठी और अस्पताल में सहायक अधीक्षक डॉ. विनीत जैन को सदस्य नियुक्त किया गया है। कमेटी ने गुरुवार को ही मामले की जांच शुरू कर दी। मंगलवार को मर्च्युरी में ड्यूटी पर रहे फॉरेंसिक विभाग के डॉक्टर्स विभागाध्यक्ष डॉ. आरके सिंह, डॉ. उल्लास गुनाडे, डॉ. एसके बाघ, डॉ. स्निग्धा जैन से पूछताछ की जा रही है। इनके अलावा कर्मचारियों से भी जानकारी ले ली गई है। राज्य शासन ने तत्काल डीएमई को निर्देशित करते हुए जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर्स ने बताया कि किसी भी पीएम के दौरान पुलिस लिखती है कि उसे मृतक के कपड़े और तमाम चीजें चाहिए, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं लिखा था। 14 में से 12 शहीदों की वर्दी ताबूत में रखी गई थी, जूते नहीं। दो जवानों की वर्दी मर्च्युरी में ही थी। सुबह-सुबह सफाई कर्मी पहुंचे और उन्होंने डस्टबीन में कपड़े, जूते डालकर अन्य कचरे के साथ उन्हें बाहर फेंक दिया। यह तो पुलिस वालों की जिम्मेदारी है कि वे ऐसे संवेदनशील मामलों में जवानों की वर्दियां-जूते साथ ले जाएं। इससे पहले मांगते थे। 3 प्रकरणों की जांच के लिए 3 सदस्यों की जांच कमेटी बनाई गई है, जो शुक्रवार को मुझे रिपोर्ट सौंपेगी। रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। प्रताप सिंह, डीएमई एवं आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ इन 3 मामलों की हो रही जांच- 1- शहीदों की वर्दी कचरे में किसने फेंकी और क्यों? 2- मर्च्युरी के पास कचरे में मांस के टुकड़े क्या मर्च्युरी से फेंके गए थे, किसने फेंके, क्या किसी शहीद जवान के शरीर का कोई अंग तो नहीं था? 3- सिप्रोसिन खाकर लक्ष्मी साहू की मौत के बाद उनकी पत्नी अमरीका को अस्पताल प्रशासन ने क्यों तत्काल भर्ती नहीं किया, क्यों लापरवाही बरती गई?