रायपुर : कोरोना संक्रमण वायरस से सुरक्षा के लिए लाॅकडाउन के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में सभी को खाद्यान्न सुरक्षा उपलब्ध कराने में सफलता हासिल की है। इस दौरान प्रवासी श्रमिकों, व्यक्तियों को हरसंभव सुविधा मुहैया कराई गई। जरूरतमंदों को चरणपादुका सहित सामुदायिक भोजनालय में भोजन सहित सूखा राशन की व्यवस्था की गई। लाॅकडाउन के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं प्रदेश में संचालित क्वारेंटाइन शिविरों, स्वास्थ्य, खाद्यान्न, आवागमन का संज्ञान लेते रहे।
छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण और लाॅकडाउन के दौरान राज्य के नागरिकों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही प्रवासी श्रमिकों, निराश्रितों एवं जरूरतमंद लोगों को पर्याप्त भोजन एवं सूखा राशन उपलब्ध कराने हर संभव उपाय किए गए हैं। लॉकडाउन की अवधि में भी छूटे हुए पात्र परिवारों के नवीन राशनकार्ड जारी किए गए। राज्य में 22 मार्च से जनवरी 2021 तक एक लाख 92 हजार 338 नए राशनकार्ड बनाए गए तथा दो लाख 33 हजार 415 नवीन सदस्यों के नाम भी जोड़े गए, यह प्रक्रिया अभी भी राज्य में जारी है। राज्य शासन द्वारा सार्वभौम पीडीएस लागू होने के बाद वर्तमाने में प्रदेेश के 97 प्रतिशत जनसंख्या को खाद्यान्न प्रदाय किया जा रहा है।
राज्य शासन द्वारा लाॅकडाउन के दौरान सार्वभौम पीडीएस के अंतर्गत राज्य के 57 लाख अन्त्योदय, प्राथमिकता, अन्नपूर्णा, एकल निराश्रित तथा निश्शक्तजन राशनकार्डधारियों को तीन माह अप्रैल, मई एवं जून 2020 में निश्शुल्क चावल वितरण किया गया। इन परिवारों में तीन माह में पांच लाख 64 हजार 87 टन चावल निश्शुल्क उपलब्ध कराया गया। इसके अलावा इन राशनकार्डधारियों को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अप्रैल से नवबंर 2020 तक प्रति सदस्य पांच किलो चावल एवं एक किलो चना निश्शुल्क वितरित किया गया।
जून माह में एक किलो अरहर दाल भी राशन कार्ड धारी परिवारों को निश्शुल्क प्रदान किया गया। इस प्रकार कोरोना संक्रमण काल में अप्रैल से नवंबर तक आठ लाख 65 हजार 984 टन अतिरिक्त चावल तथा 45 हजार 781 टन अतिरिक्त चना एवं दाल निश्शुल्क दी गई।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंत्योदय एवं प्राथमिकता राशनकार्ड धारकों को अप्रैल से नवंबर 2020 तक कुल सात लाख 89 हजार 804 टन चावल एवं 41 हजार 200 टन चना व दाल का वितरण प्रति सदस्य के मान से अतिरिक्त रूप से किया गया। आत्मनिर्भर भारत योजनांतर्गत अन्य राज्यों से वापस आए प्रवासी व्यक्तियों एवं श्रमिकों जिनके पास केंद्र अथवा राज्य सरकार की योजनांतर्गत राशनकार्ड नहीं था, उन्हें मई एवं जून माह में प्रति सदस्य पांच किलो चावल एवं प्रति परिवार एक किलो चना निश्शुल्क प्रदाय किए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई।
इस योजना के अंतर्गत 10 हजार 38 मीट्रिक टन चावल तथा 528.30 मीट्रिक टन चना का मासिक आबंटन जिलों को जारी किया गया। छत्तीसगढ़ राज्य में आत्मनिर्भर भारत योजनांतर्गत खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए एक लाख नौ हजार 179 परिवारों के दो लाख 22 हजार 605 सदस्यों का पंजीयन किया गया। पंजीकृत सदस्यों को उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से माह मई से जून माह तक एक हजार 733 क्विंटल चना तथा 19 हजार 644 क्विंटल चावल का वितरण किया गया।