लखनऊ- देश की खुशहाली का आकलन जीडीपी से करने के बजाय नागरिकों के सर्वांगीण विकास से किया जाना चाहिए, जिसमें उनका शारीरिक एवं मानसिक विकास भी शामिल है। उत्तर प्रदेश जैसे विशाल राज्य में शिक्षा के प्रसार के लिए पहल करने वाली प्रत्येक संस्था को राज्य सरकार हर सम्भव मदद करने के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव यहां अपने सरकारी आवास पर आदिचुनचनागिरि शिक्षण ट्रस्ट द्वारा स्थापित किए जा रहे बीजीएस विज्ञातम् कैम्पस, ग्रेटर नोएडा के शिलान्यास के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। लगभग 15 एकड़ में स्थापित हो रहे कैम्पस के प्रथम चरण में बीजीएस. वर्ल्ड स्कूल का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
10 वर्ष में पूरी होने वाली इस परियोजना के द्वितीय एवं तृतीय चरण में इंजीनियरिंग, प्रबन्धन काॅलेज के साथ-साथ डेन्टल अथवा नर्सिंग काॅलेज स्थापित किए जाने का प्रस्ताव है। उन्होंने निर्मलानन्दनाथ महास्वामी की सराहना करते हुए कहा कि इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उच्च शिक्षित होते हुए भी वे अपने मठ के सहयोग से कर्नाटक के ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब छात्र-छात्राओं के लिए शिक्षा की अच्छी व्यवस्था करने का काम कर रहे हैं।
उन्होंने ट्रस्ट से प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी इस प्रकार के संस्थान स्थापित करने का आग्रह किया। राज्य सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि समाजवादी, शिक्षा के महत्व को भली-भांति समझते हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री को जगद्गुरु निर्मलानन्दनाथ महास्वामी ने सम्मानित किया।
बताते चले की बंगलुरू से लगभग 150 कि.मी. दूर आदिचुनचनागिरी महासंस्थान देश के पुरातन मठों में से एक है। लगभग 1500 वर्षों की गुरू परम्परा वाले इस मठ ने वर्ष 1973 में आदिचुनचनागिरी शिक्षण ट्रस्ट की स्थापना कर गरीब छात्र-छात्राओं के लिए शिक्षा व्यवस्था का प्रयास शुरू किया। इस समय देश के विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित लगभग 565 संस्थानों के माध्यम से 01 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं इस ट्रस्ट द्वारा लाभान्वित हो रहे हैं।
ट्रस्ट द्वारा प्रदेश के वाराणसी, चित्रकूट तथा नैमिषारण्य में पहले से ही संचालित शिक्षण संस्थानों के अलावा ग्रेटर नोएडा में चैथा शिक्षण संस्थान स्थापित किया जा रहा है, जहां आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ छात्र-छात्राओं के समग्र विकास पर बल दिया जाएगा।
आदिचुनचनागिरि महासंस्थान मठ, कर्नाटक के जगद्गुरु निर्मलानन्दनाथ महास्वामी ने मठ के क्रिया-कलाप की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि संस्थान द्वारा प्रदेश के अन्य स्थानों पर भी इस प्रकार के शिक्षण संस्थान स्थापित करने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनका मठ धार्मिक क्रिया-कलापों के अलावा शिक्षा पर विशेष ध्यान देता है, क्योंकि व्यक्ति का सर्वांगीण विकास शिक्षा के बिना सम्भव नहीं है। आज आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ मानवीय एवं सामाजिक मूल्यों पर भी बल दिया जाना जरूरी है। तभी भारत की प्राचीन परम्परा को कायम रखा जा सकता है। रिपोर्ट:- शाश्वत तिवारी