नई दिल्ली- मीडिया पर आम आदमी पार्टी को बर्बाद कर देने की सुपारी लेने का आरोप लगाने वाले सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के अधिकारियों के लिए नया फरमान जारी किया है। दिल्ली सरकार की ओर से जारी एक सर्कुलर के मुताबिक, सरकार से जुड़े किसी भी अधिकारी को लगता है कि मीडिया द्वारा खबर दिखाए जाने से दिल्ली सरकार या मुख्यमंत्री की छवि खराब हो रही है तो वह इस बारे में मुख्य सचिव को सीधे शिकायत दर्ज करा सकता है। इस बारे में मुख्य सचिव जांच करेंगे। इसके बाद यह मामला दिल्ली सरकार के कानून मंत्रालय को भेजा जाएगा जो संबंधित खबर दिखाए जाने पर उस मीडिया संस्थान के खिलाफ सरकार की तरफ से केस दर्ज कराएगा। केजरीवाल सरकार खबरिया चैनलों पर नजर रखने के लिए अलग से कर्मचारियों की नियुक्ति भी करने जा रही है।
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने मीडिया संगठनों के कंटेंट पर निगरानी रखने का फैसला भी लिया है। आम आदमी पार्टी ने अपने अधिकारियों से कहा है कि वे मीडिया द्वारा पेश की जा रही खबरों की निगरानी करें। इस सिलसिले में सूचना और विज्ञापन निदेशालय को सुबह 9 से रात 11 बजे तक खबरिया चैनलों की निगरानी करने को भी कहा गया है।
दिल्ली सरकार द्वारा मीडिया पर नजर रखने के निर्देशों के बाद अधिकारी सरकार से संबंधित खबरों की कतरनों को अखबारों से काटकर रिकॉर्ड में रख रहे हैं। इस कंटेट की रिपोर्ट रोजाना मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जा रही है। अधिकारियों से कहा गया है कि इस काम को कम से कम एक महीने तक करें और उसके बाद सरकार निविदा जारी कर सभी खबरिया चैनलों पर नजर रखने के लिए विशिष्ट कर्मचारियों की नियुक्ति करेगी।
दिल्ली सरकार के इस फरमान पर कांग्रेस नेता अजय माकन ने केजरीवाल को निशाने पर लिया है। माकन ने कहा कि आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ है। माकन ने कहा, ”ये सरकार कानून के हिसाब से नहीं चल रही है। केजरीवाल सरकार बहाने ढूंढ रही है। सरकार अपने वादे पूरे नहीं कर पा रही है और फिर से भागने की तैयारी कर रहे है।” वहीं, बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि मीडिया द्वारा दिल्ली सरकार के कामकाज की कमियां दिखाने जाने से केजरीवाल नाराज हैं और मीडिया के खिलाफ आक्रामक रुख अपना रहे हैं। कोहली के मुताबिक, केजरीवाल कुंठित हैं, इसलिए इस तरह के फैसले ले रहे हैं।