बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि वे किसी भी गठबंधन के साथ रहें परंतु उनकी मूल अवधारणा में परिवर्तन नहीं हुआ है। उन्होंने कथित तौर पर भाजपा पर निशाना साधते हुए दो टूक कहा कि वे भ्रष्टाचार और समाज को तोड़ने व विभाजित करने वाली नीति से समझौता नहीं कर सकते।
पिछले साल जुलाई में भाजपा से गठबंधन करने वाले सीएम नीतीश ने यह बातें हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर के एक धडे के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के नेतृत्व में जदयू में विलय के अवसर कहीं।
केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के एक बयान का समर्थन करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि, ‘भाजपा को अल्पसंख्यकों के प्रति अपनी धारणा को बदलाना होगा। पासवान बहुत सीनियर नेता है। उन्होंने बहुत सोचने के बाद यह बात कही होगी।’
पटना में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए उन्होंने कई मामलों को लेकर बिना किसी का नाम लिए इशारों ही इशारों में विपक्षियों पर निशाना साधा। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को हम लोगों ने एक दिन के लिए भी नहीं छोड़ा है।
उन्होंने इस मांग को 10 साल पुरानी मांग बताते हुए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर तंज कसते हुए कहा, ‘जो लोग आज तक कभी इसकी चर्चा तक नहीं करते थे, वे भी आज मुझसे विशेष राज्य के दर्जे को लेकर प्रश्न पूछते हैं। आंध्र प्रदेश के लिए यह मांग नई हो सकती है परंतु बिहार के लिए यह पुरानी मांग है।’
नीतीश ने स्पष्ट कहा, ‘मैं वोट की नहीं लोगों की चिंता करता हूं। मैं प्रारंभ से ही सामाजिक सद्भाव का पक्षधर रहा हूं। मेरे 12 साल के काम इसका प्रमाण हैं।’