अयोध्या : मंदिर मुद्दे की गर्माहट के बीच एक बार फिर से आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर के सुलह समझौते के शुरू हुए प्रयास से पहले ही विरोध शुरू हो गया है।
मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी द्वारा सुलह के फार्म्युले को सिरे से खारिज करने के बाद श्री श्री रविशंकर के सहयोगी रहे अयोध्या सद्भावना समिति के अध्यक्ष अमरनाथ मिश्रा ने सुलह समझौते के नाम पर मामले को हाइजैक करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा, ‘श्री श्री अयोध्या में मस्जिद बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं, इसके लिए उन्होंने कुछ लोगों से बातचीत भी की थी।’
बता दें कि सोमवार को बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब के आवास पर श्री श्री रविशंकर के दूत बनकर गौतम विज पहुंचे और बैठक की। जिसमें अयोध्या के 10 मुस्लिम प्रतिनिधि भी शामिल थे।
मंगलवार को खबर बाहर आने के बाद अमरनाथ मिश्रा ने कहा, ‘मुसलमानों की तरफ से मुख्य पक्षकार सुन्नी वक्फ बोर्ड है। बाकी जो लोग पक्षकार होने का दावा करते हैं वह समाज को भ्रमित कर रहे हैं। कोई भी मुसलमान कहीं भी साइन कर दे इससे समझौता होने वाला नहीं है।’
उन्होंने आरोप लगाया कि 2 वर्ष पूर्व हिंदू पक्ष के पक्षकार लखनऊ में इकट्ठा हुए थे, लेकिन श्री श्री ने उन लोगों से मिलने से इनकार कर दिया था।
उन्होंने कहा कि श्री श्री का उद्देश्य अयोध्या में मस्जिद बनाने का है। इसलिए पिछले वर्ष उनका बयान आया था कि मस्जिद नहीं बनी तो सीरिया जैसे हालात हो जाएंगे, और बनारस में भी कहा था कि अगर हिंदू यह पहले मान ले कि जमीन मुसलमानों की है तो मुसलमान मंदिर के लिए जमीन दे देंगे।
‘सलमान नदवी के साथ श्री श्री का हुआ है समझौता’
अमरनाथ मिश्रा ने आरोप लगाया कि फरवरी 2018 में सलमान नदवी के साथ मिलकर नगर के युसूफ आरा मशीन के पास श्री श्री रविशंकर बड़ी मस्जिद का निर्माण करवाना चाहते थे। इस बात की जानकारी मिलने के बाद से ही संबंधों में खटास आ गई।
उन्होंने बताया कि इससे पहले वर्ष 1996 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय गठित अयोध्या सेल में सुलह समझौते से राम मंदिर निर्माण के लिए हिंदू-मुस्लिम पक्षकारों से बातचीत की मुहिम श्री श्री रविशंकर सहित अन्य कई धर्मगुरुओं ने साथ में शुरू की थी।