नई दिल्ली – बच्चों का यौन शोषण करने वालों पर नकेल कसने के लिए सरकार ऑनलाइन डेटाबेस बनाने की योजना बना रही है। इसमें बच्चों का यौन शोषण करने वालों के नाम और तस्वीरें डाली जाएंगी। इसकी मदद से स्कूलों और अनाथालयों को कर्मचारी रखते वक्त सुविधा होगी।
यह प्रस्ताव केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने दिया है। एक सूत्र ने बताया कि हम बाल शोषकों की ऑल इंडिया रजिस्ट्री बनाने पर विचार कर रहे हैं, ताकि इसमें उनका नाम डालकर उन्हें शर्मिंदा किया जा सके। इस योजना को अंजाम देने के लिए गृह मंत्रालय की भी मदद ली जाएगी।
अमेरिका, यूके और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों मे पहले से ही इस तरह की रजिस्ट्री बनी हुई है, ताकि परिवार अपने बच्चों को बाल शोषकों से बचा सकें। बाल शोषण के मामलों का अध्ययन कर रहे एनजीओ बताते हैं कि ऐसे ज्यादातर अपराधी बच्चों की ताक में रहते हैं और ऐसी नौकरियां तलाशते हैं, जहां वे बच्चों के संपर्क में रह सकें।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के मुताबिक 2013 में बच्चों के साथ दुष्कर्म के 12 हजार 363 केस दर्ज किए गए थे। साल 2012 में ऐसे मामलों की संख्या आठ हजार 541 थी। बच्चों के साथ दुष्कर्म के सर्वाधिक मामले 2,112 मध्य प्रदेश में दर्ज किए गए। इसके बाद महाराष्ट्र में 1,546 और उत्तर प्रदेश में 1,381 मामले दर्ज किए गए।