अस्पताल में बच्चों को बेड नहीं मिला तो मध्य प्रदेश में सीधी जिले के कलेक्टर अभिषेक सिंह ने उन्हें अपने बंगले में भेजा और इलाज की व्यवस्था कराई।
मध्य प्रदेश में सीधी जिले के कलेक्टर अभिषेक सिंह ब्लड ट्रांसफ्यूजन के लिए जिले के करीब 500 एनीमिक बच्चों को लेकर बुधवार को जिला अस्पताल पहुंचे। इनमें से लगभग 400 बच्चों को जिला अस्पताल और नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया।
वहीं लगभग 100 बच्चों को इलाज के लिए बेड नहीं मिल पाया और उनमें से कई बच्चों की हालत बिगड़ने लगी।
इस बात की जानकारी कलेक्टर अभिषेक सिंह को दी गई। अस्पताल में पहुंचे कलेक्टर ने हालात को देखते हुए सभी बच्चों को अपने बंगले में भेज दिया और उनके परिजनों के रहने और खाने-पीने की व्यवस्था कर दी।
अस्पताल प्रशासन ने कलेक्टर को बताया कि हमारे पास विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है तो कलेक्टर ने संभागायुक्त से चर्चा करके रीवा से करीब 6 टेक्नीशियन को बुलाया।
इसी तरह कुछ दिनों पहले मध्य प्रदेश के दमोह में जिला अस्पताल से भी हैरान करने वाली खबर आई थी। यहां जिला अस्पताल में एक आठ साल के बच्चे को ब्लड नहीं मिलने के कारण मौत हो गई थी।
बच्चे के परिजनों ने उस समय नाराजगी जताते हुए कहा था कि हमने ब्लड के लिए ब्लड बैंक में 1200 रुपए जमा किए थे, लेकिन अस्पताल ने उन्हें ब्लड नहीं दिया।
बच्चे की मां ने कुछ लोगों से भी ब्लड देने की गुजारिश की लेकिन समय रहते किसी ने रक्त नहीं दिया और उसकी मौत हो गई।
मौत के मामले में अस्पताल की सर्जन डॉ. ममता तिमोरी ने कहा था कि शुरू से ही उसकी हालत गंभीर थी।
डॉक्टरों ने उसे दूसरे अस्पताल में रेफर करने के लिए कहा था, लेकिन बच्चे के परिजन वहां से नहीं गए।