पेइचिंग: चीन सरकार की एक एक्सपर्ट टीम के हेड ने सोमवार को कहा कि करॉनवायरस के मानव से मानव में संचार की पुष्टि हो गई है। यह ऐसा खुलासा है जिससे इसके बहुत कम समय में बहुत ज्यादा फैलने का डर बढ़ गया है। खुलासा करने वाले श्वसनतंत्र की बीमारियों के विशेषज्ञ हैं। उन्होंने कहा कि दक्षिणी चीन के क्वांगदोंग प्रांत में यह वायरस पारिवारिक सदस्यों से फैला। चीनी अखबार चाइना डेली की खबर में कहा गया है कि कुछ चिकित्साकर्मी भी वायरस से पीड़ित पाए गए हैं।
पूरे चीन में अभी करॉनवायरस से पीड़ितों की तादाद 200 पार कर चुकी है। एक्सपर्ट टीम के हेड ने सरकार से अपील की कि वह इस वायरस पर काबू पाने के लिए हरसंभव कोशिश करे। वहीं, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने इस संकट पर दिए अपने पहले बयान में कहा, ‘वुहान एवं अन्य जगहों पर हाल में फैले नए करॉनवायरस न्यूमोनिया को गंभीरता से लेना होगा।’ उन्होंने कहा, ‘पार्टी की समितियों, प्रातों की सरकारों और संबंधित विभागों को लोगों के जीवन और स्वास्थ्य को पहली प्राथमिकता देनी चाहिए।’
इन्सान से इन्सान के बीच वायरस के संचार की आशंका से चीन और पड़ोसी देश काफी सतर्क हैं क्योंकि 25 जनवरी को चीन का नया वर्ष शुरू होता है और इस दौरान वहां त्योहारों का मौसम होता है जिसमें चीन के लोग दुनिया की सैर पर निकलते हैं। थाइलैंड और जापान में भी करॉनवायरस के कम-से-कम तीन मामले सामने आ चुके हैं। ये सभी वायरसपीड़ित हाल ही में चीन गए थे। साउथ कोरिया में भी सोमवार को पहला मामला सामने आ गया। 35 साल की चीनी महिला वुहान से सियोल आई थी और बीमार पड़ गई। एशिया महादेश के करीब आधे दर्जन देशों में और अमेरिका के तीन हवाई अड्डों पर सेंट्रल चीन से आने वाली एयरलाइंस से उतरने वाले यात्रियों की गहन जांच होने लगी है।
माना जाता है कि करॉनवायरस पिछले महीने वुहान के फ्रेश फूड मार्केट से फैला। एक एक्सपर्ट ने कहा कि यह वायरस नया है और हर दिन नए-नए स्वरूप में देखा जा रहा है। सरकार ने वुहान के लोगों को आगाह किया है कि जिन्हें भी बुखार और कफ की समस्या हो, वे तुरंत अस्पताल जाकर जांच कराएं। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने एक्सपर्ट्स के हवाले से बताया कि इसकी रोकथाम हो सकती है और नियंत्रित किया जा सकता है। हालांकि, करॉनवायरस फैलने का स्रोत क्या है, इसका पता नहीं चल पाया है। करॉनवायरस से सामान्य जुखाम से लेकर श्वांस संबंधी अत्यंत गंभीर बीमारियां (एसएआरएस) तक होती हैं।
वुहान के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि सोमवार को शहर में 136 नए मामलों की पुष्टि हुई है जिससे कुल आंकड़ा 198 पर पहुंच गया है। तीन वायरस पीड़ितों की मौत हो चुकी है। विभाग ने चीन के दूसरे शहरों में भी पहली बार करॉनवायरस फैलने की जानकारी दी है। राजधानी पेइचिंग में पांच जबकि क्वांगदोंग में 14 पीड़ितों की पुष्टि हुई। इन्हें मिलाकर कुल वायरस पीड़ितों की संख्या 218 तक पहुंच चुकी है। वहीं, शंघाई समेत देश के कुछ और हिस्सों में भी कुछ संदिग्ध मामले सामने आए हैं।
सबसे पहले 2002 में दक्षिणी चीन के लोग एसएआरएस से पीड़ित हुए थे और करीब 25 देशों में फैल गया था जिससे 800 लोगों की मौत हो गई थी। सरकार ने तब शुरू-शुरू में इसे हल्के में लिया और इस पर पर्दा डालने की कोशिश, लेकिन एक्सपर्ट फिजिशियनों ने इसका खुलासा कर दिया। चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में इसका जिक्र करते हुए लिखा, ‘इस बार ऐसा नहीं होना चाहिए।’
करॉनवायरस आमतौर पर जानवरों में पाए जाते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि कई बार जानवरों से इसका संचार इंसानों में भी हो जाता है। इस वायरस से ग्रसित होने पर श्वास संबंधी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इसके लिए कोई खास इलाज का इजाद नहीं हो पाया है। कई बार बीमारी के लक्षण खुद-ब-खुद खत्म हो जाते हैं।
इसकी रोकथाम के लिए भी कोई दवाई नहीं बनी है। इसलिए, इससे बचने के लिए बीमार लोगों से दूर रहना ही उचित है। अपनी आखें, नाक और मुंह का स्पर्श करने से बचें। हाथों को साबुन से कम-से-कम 20 सेकंड तक धोएं। अगर आप बीमार हैं तो घर पर रहें, भीड में जाने से या दूसरों के संपर्क में आने से बचें। अपना मुंह और नाक ढंककर रखें, खासकर तब जब आपको खांसी या छींक आ रही हो।