चीन में कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों ने पूरी दुनिया को टेंशन में ला दिया है. कोरोना को लेकर खुलकर जानकारी भी नहीं दी जा रही, लेकिन वहां से आ रही तस्वीरें इसकी भयावहता को बताते हैं. एक्सपर्ट बताते हैं कि चीन में कोरोना फैलने की वजह एक नहीं 4 वैरिएंट जिम्मेदार हैं.
चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों ने दुनिया की बढ़ाई टेंशन
चीन में जिस तेजी से कोरोना वायरस के मामले सामने आ रहे हैं उसे देखते हुए केंद्र सरकार भी अलर्ट हो गई है. देश के करीब-करीब सभी राज्यों में कोरोना को लेकर गाइडलाइंस भी जारी कर दिए गए हैं. साथ ही सभी लोगों से कोरोना संयमित व्यवहार का पालन करने को कहा जा रहा है. इस बीच केंद्र के कोविड पैनल के प्रमुख एनके अरोड़ा ने आज कहा कि चीन में कोरोना के ताजा प्रकोप से घबराने की जरूरत नहीं है. वहां पर वायरस के एक नहीं बल्कि 4 वैरिएंट हैं जिनकी वजह से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं.
एनके अरोड़ा ने चीन में कोरोना को लेकर बने भयावह स्थिति के बीच कहा कि भारत महज “एहतियात” के तौर तैयारी कर रहा है क्योंकि चीन से खुलकर और जल्द सूचनाएं नहीं आ पा रही हैं. हालांकि, यह भी स्पष्ट है कि चीन का प्रकोप वायरस के कॉकटेल के कारण है, जो स्थानीय महामारी विज्ञान (local epidemiology) के कारण अलग व्यवहार करते हैं.
BN-BQ वैरिएंट के मामले सबसे ज्यादाः अरोड़ा
उन्होंने कहा, “BF.7 वैरिएंट 15 प्रतिशत मामलों के लिए जिम्मेदार है. जबकि सबसे ज्यादा मामले यानी 50 प्रतिशत बीएन और बीक्यू सीरीज से हैं, और एसवीवी वैरिएंट से महज 10-15 प्रतिशत ही केस हैं.
उनका कहना है, “यही वह चीज है जहां भारत को इससे लाभ मिलता है क्योंकि यहां पर “हाइब्रिड इम्युनिटी” मजबूत हो चुकी है. यहां पर हुए वैक्सीनेशन और देश में कोरोना की पहली, दूसरी और तीसरी लहर के दौरान बड़े पैमाने पर लोग संक्रमित हुए जिससे इम्युनिटी का बढ़िया संयोजन हो गया है.”
भारतीयों इम्युनिटी हुई मजबूतः अरोड़ा
अरोड़ा ने एक खास बातचीत में एनडीटीवी से कहा, “चीन में वे इस मामले में कमजोर हैं. वे पहले वायरस के संपर्क में नहीं आए, और उन्हें जो वैक्सीन दी गई है वह भी शायद कम प्रभावी है. मुझे आपको बताना चाहिए कि उनमें से अधिकांश को तीन से चार डोज दी गई थीं.” “इसकी तुलना में, 97 प्रतिशत भारतीयों को वैक्सीन की दो डोज मिलीं, कई लोगों को एक से अधिक बार कोरोना का संक्रमण हुआ. यहां तक कि बच्चे भी सुरक्षित हैं क्योंकि 12 साल से कम उम्र के कम से कम 96 फीसदी बच्चे कोविड के संपर्क में आ चुके हैं.”
एनके अरोड़ा ने कहा कि देश में अभी जो प्रतिक्रिया हो रही है, वह “पूर्वव्यापी और अति सक्रिय प्रतिक्रिया है, क्योंकि चीन की मौजूदा स्थिति को लेकर कुछ भी साफ नहीं है. वहां पर कोरोना केसेज की संख्या, मामलों की गंभीरता, वहां पर वैक्सीनेशन की स्थिति और फिर तरह-तरह के वेरिएंट चल रहे हैं, इनको लेकर स्थिति साफ नहीं है.”