एक सैटेलाइट इमेज हाल ही में सामने आई है। जिसमें साफ हो रहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी सिक्किम के डोकलाम और नाकू ला के पास मिसाइल साइट बनाने में जुटी है। इसका मकसद अपने एयर डिफेंस को मजबूत करना है। इस मिसाइल साइट की लोकेशन डोकलाम में चीन, भूटान और भारत के बीच बने ट्राई-जंक्शन के करीब बताई जा रही है, जोकि भारत के लिए एक चिंताजनक बात है।
नई दिल्ली: लद्दाख में पिछले चार महीनों से विवाद जारी है। इस बीच गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे, जबकि चीनी सेना को भी काफी नुकसान पहुंचा था। इसके बाद लंबी बातचीत का सिलसिला चला और चीन विवादित इलाकों से पीछे हटने को राजी हो गया, लेकिन अब सिक्किम से लगती सीमा पर चीनी सेना नई चाल चल रही है, जिसका खुलासा एक सैटेलाइट इमेज से हुआ है।
दरअसल एक सैटेलाइट इमेज हाल ही में सामने आई है। जिसमें साफ हो रहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी सिक्किम के डोकलाम और नाकू ला के पास मिसाइल साइट बनाने में जुटी है। इसका मकसद अपने एयर डिफेंस को मजबूत करना है। इस मिसाइल साइट की लोकेशन डोकलाम में चीन, भूटान और भारत के बीच बने ट्राई-जंक्शन के करीब बताई जा रही है, जोकि भारत के लिए एक चिंताजनक बात है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक डोकलाम में जिस जगह पर 2017 में विवाद हुआ था, उस जगह से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर चीन एयर डिफेंस का नया सेटअप कर रहा। यहां पर सर्फेस टू एयर मिसाइल साइट्स बनाई गई है। युद्ध जैसे हालात में ये चीन के लिए काफी कारगर साबित होगी। साथ ही इस डिफेंस सिस्टम के निर्माण से भारत और भूटान पर दबाव भी बढ़ेगा। दूसरी वजह ये भी है कि भारत तिब्बत के कई इलाकों में हवाई सर्विलांस लंबे वक्त से कर रहा है। साथ ही सैटेलाइट से भी संवेदनशील इलाकों में नजर रखी गई है। ऐसे में चीन काफी घबराया हुआ है।
सैटेलाइट तस्वीरों से संकेत मिला है कि पीएलए पूर्वी लद्दाख के उत्तर-पूर्व में नई सड़क तैयार कर रहा है। इसमें ल्हासा से काशगर तक नेशनल हाइवे 219 यानी जी219 का पिछला हिस्सा भी शामिल है। पूर्वी लद्दाख के क्षेत्रों से गुजरने वाली इन सड़कों का निर्माण सन् 1950 के दशक के मध्य में शुरू किया गया था जो 1957 तक पूरा हुआ। सड़क का निर्माण भारत और चीन के बीच तनाव की शुरुआत थी जो अंततः 1962 के युद्ध की वजह बना था। युद्ध के बाद चीन ने नई सड़क जी219 के जरिए पश्चिम के क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया था। जी 219 चीनी युद्ध स्मारक इस बात की याद दिलाता है कि कैसे भारतीय सेना इस क्षेत्र में बहुत ही बहादुरी से लड़ी थी।