मुंबई- ग्लोबल निवेशकों ने ज्यादातर उभरते हुए बाजारों में निवेश घटा दिया है, लेकिन भारत उनके लिए लगातार सबसे पसंदीदा बाजार बना हुआ है। ग्लोबल फाइनेंशियल फर्म ‘बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच’ के मुताबिक फायदे की कम संभावना, चीन की आर्थिक विकास कमजोर पड़ने और डॉलर में आई मजबूती के कारण ग्लोबल निवेशकों ने उभरते हुए बाजारों की इक्विटी में निवेश कम कर लिया है।
लेकिन, भारत के प्रति उनका रुख इसके उलट है। ‘ग्लोबल इमर्जिंग मार्केट इन्वेस्टर्स कंट्री परफॉर्मेंस चार्ट’ में भारत पहले पायदान पर है। इसके बाद चीन और पोलैंड क्रमशः दूसरे और तीसरे नंबर पर हैं।
एशिया-प्रशांत के बाजारों पर दांव लगाने वाले निवेशकों ने जून के दौरान भारत और ताइवान में निवेश बढ़ाया है। बहरहाल, डिपॉजिटरीज के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक विदेशी निवेशकों ने इस महीने अब तक भारतीय शेयर बाजार से करीब 3,300 करोड़ रुपए निकाले हैं। खास तौर पर इसलिए कि उन्हें एशिया के अन्य बाजारों से ज्यादा रिटर्न मिलने की उम्मीद रही, कॉर्पोरेट आय कमजोर रही और टैक्स से संबंधित विभिन्न मसलों ने उनकी चिंता बढ़ाई।
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल-लिंच की एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘जनवरी के ऊंचे स्तर से अब तक करीब 14 प्रतिशत गिरावट (अमेरिकी डॉलर में) के बावजूद भारत लगातार सबसे पसंदीदा बाजार (ग्लोबल इमर्जिंग मार्केट में) बना हुआ है।’ इस लिस्ट में तुर्की, इंडोनेशिया, मेक्सिको, कोरिया, थाइलैंड और दक्षिण अफ्रीका भी शामिल हैं।