साइबर खुफिया फर्म साइफार्मा के अनुसार दस दिनों पहले डार्क वेब पर कुछ लोगों को चीनी भाषा मंदारिन और कंटोनीस में बात करते हुए पाया गया था, वे भारत को सबक सिखाने की बात कर रहे थे। सबसे ज्यादा खतरा मीडिया घरानों को हो सकता है।
गलवान घाटी में घुसपैठ के अपने मंसूबे नाकाम होने के बाद चीन एक और नापाक चाल चलने की तैयारी में हैं। साइबर खुफिया फर्म से मिली जानकारी के अनुसार चीन रविवार से भारत पर साइबर अटैक कर सकता है। इस साइबर अटैक में कई सरकारी एजेंसियां, मीडिया घराने, फार्मा कंपनीज, टेलीकॉम आपरेटर्स और एक बड़ी टायर कंपनी को चीनी हैकर्स निशाना बना सकते हैं।
साइबर खुफिया फर्म साइफार्मा के अनुसार दस दिनों पहले डार्क वेब पर कुछ लोगों को चीनी भाषा मंदारिन और कंटोनीस में बात करते हुए पाया गया था, वे भारत को सबक सिखाने की बात कर रहे थे। सबसे ज्यादा खतरा मीडिया घरानों को हो सकता है।
साइफार्मा के चेयरमैन और सीईओ कुमार रितेश ने बताया कि इन हैकिंग ग्रुप्स में गोथिक पांडा और स्टोन पांडा शामिल है, जिनका सीधा संबंध चीनी सेना से है। ये चीनी सेना के लिए काम करते हैं और अमेरिका तथा हांगकांग इनके निशाने पर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस साइबर अटैक में एक ईमेल ncov2019.gov.in से हमला हो सकता है। इस ईमेल का विषय Free Covid 19 Test हो सकता है। इसलिए ईमेय यूजर्स को आगाह किया गया है कि इस ईमेल से आए मेल या अटैचमेंट नहीं खोले।
इसके अलावा भी अनजान लोगों के ईमेल को नहीं खोले। चीनी हैकर्स के निशाने पर 20 लाख भारतीयों के ईमेल अकाउंट हैं। पिछले दिनों इसी तरह का साइबर अटैक ऑस्ट्रेलिया पर हो चुका है।
इन दिनों शक्तिशाली देशों के बीच साइबर अटैक आम बात हो गई है। जब देश एक-दूसरे से युद्ध के मैदान में नहीं उलझना चाहते हैं तो वे एक-दूसरे के खिलाफ साइबर अटैक करते हैं। चीन इस मामले में सबसे आगे है। चीन की अपनी साइबर आर्मी है, जिसमें 3 लाख से ज्यादा लोग शामिल है।