नौरोबी – केन्या में एक बस पर हुए इस्लामी चरमपंथियों के हमले में मुसलमान यात्रियों ने ईसाई समुदाय के लोगों की जान बचाई। सोमालिया के चरमपंथी समूह अल शबाब के 10 आतंकियों ने बस को घेरने के बाद उसमें सवार यात्रियों को मुस्लिम और ईसाई, दो समूहों में बंट जाने के लिए कहा।
मगर, मुसलमानों ने चरमपंथियों के सामने धार्मिक पहचान के आधार पर समूहों में बंटने से इनकार कर दिया। मुसाफिरों ने चरमपंथियों से कहा कि या तो हम सबको मार दो या सबको छोड़ दो। बताया जा रहा है कि सोमालिया की सीमा से सटे इलाके में हुए इस हमले में कम से कम दो लोग मारे गए हैं और चार लोग घायल बताए जा रहे हैं।
इस घटना के बाद सोमालियाई आतंकियों ने राजधानी नैरोबी से मंडेरा जा रही बस में सवार सभी यात्रियों को छोड़ दिया। पिछले साल भी मंडेरा के पास अल शबाब के आतंकवादियों ने एक बस पर हमला कर 28 गैर मुस्लिमों की हत्या कर दी थी।
बस में सवार एक मुस्लिम यात्री अब्दी मोहम्मद अब्दी ने बताया कि आतंकियों ने गोली बारी करके बस को रोक लिया। इस हमले में दो लोग मारे गए। इस दौरान हमने कुछ गैर मुस्लिम लोगों को अपने धार्मिक लिबास दे दिए, ताकि आतंकी उन्हें आसानी से नहीं पहचान सकें।
हम सब एक साथ खड़े हो गए कि या तो सबको मार दो, या सबको छोड़ दो। आतंकियों ने कहा कि वह सबको मार देंगे। इसलिए मुस्लिम अलग हो जाएं और बाकी यात्री अलग हो जाएं। मगर, हमने ऐसा नहीं किया। हमने अपने भाइयों और बहनों की रक्षा के लिए एकजुटता बनाए रखी।
आखिरकार उन्होंने हमें छोड़ दिया, लेकिन धमकी दी कि वे फिर वापस आएंगे। गौरतलब है कि केन्या ने अक्टूबर 2011 से सोमालिया के अल-शबाब के खिलाफ लड़ाई में हिस्सा लिया है। इसके बाद से वहां अल-शबाब हमले कर रहा है। केन्या के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में सोमालियाई मूल के लोगों की बड़ी आबादी है।