गुवाहाटी: नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर व्यापक विरोध-प्रदर्शन के बीच बिगड़ती कानून-व्यवस्था को संभालने के लिए असम के गुवाहाटी में कर्फ्यू की मियाद को अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दिया गया है। हालात पर नियंत्रण के लिए यहां सेना की दो टुकड़ियां तैनात की गई हैं। असम के 10 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। उधर, त्रिपुरा में भी विरोधी प्रदर्शनों के बीच असम राइफल्स को तैनात कर दिया गया है। असम राइफल्स की एक-एक टुकड़ी को त्रिपुरा के कंचनपुर और मनु में तैनात किया गया है। उधर, विरोध प्रदर्शन को देखते हुए असम में कई उड़ानें रद्द कर दी गई हैं।
सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि असम के बोंगाईगांव और डिब्रूगढ़ में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए एक अन्य टुकड़ी को तैयार रहने को कहा गया है। असम में बुधवार शाम 6.15 बजे कर्फ्यू लगाया गया था जिसे अब अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दिया गया है। सेना प्रवक्ता ने कहा, ‘हम समय-समय पर स्थिति की समीक्षा करेंगे और उसी के अनुसार कर्फ्यू हटाने का निर्णय लेंगे।’
असम में बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। उनकी पुलिस के साथ झड़प हुई और इससे राज्य में अराजकता की स्थिति पैदा हो गई। हालांकि किसी पार्टी या छात्र संगठन ने बंद का आह्वान नहीं किया है। प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर छात्र शामिल हैं, जिनकी सुरक्षा बलों के साथ झड़प हुई।
असम और त्रिपुरा में कर्फ्यू के बावजूद बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुआ। 15 दिसंबर से पीएम नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे के बीच शिखर सम्मेलन की तैयारियों के तहत एक होटल के पास रैंप बनाया गया था। प्रदर्शनकारियों ने उसे भी क्षतिग्रस्त कर दिया। वहीं, रात में प्रदर्शनकारियों ने डिब्रूगढ़ के चबुआ और पनीटोला रेलवे स्टेशनों के नियंत्रण कक्ष में आग लगा दी। असम में प्रदर्शन के बीच कई ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं या फिर उनके रास्ते बदल दिए गए हैं। कई ट्रेनों के टाइम-टेबल में भी बदलाव किया गया है। जोरहाट, गोलाघाट, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया, शिवसागर, बोंगाईगांव, नगांव, सोनीतपुर और कई अन्य जिलों में बुधवार सुबह लोग बड़ी संख्या में सड़कों पर निकले।
अधिकारियों ने बताया कि सड़कों पर टायर जलाए गए हैं। वाहनों और ट्रेन की आवाजाही रोकने के लिए सड़कों और पटरियों पर लकड़ियों के कुन्दे रख दिए गए हैं। डिब्रूगढ़ में चौलखोवा में रेलवे पटरियों और सड़कों से प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए लाठीचार्ज भी किया। उधर, प्रदर्शन के दौरान राज्य सचिवालय के पास छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हुई। डिब्रूगढ़ और चुलखोवा में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस लाठीचार्ज में घायल होने के बाद कई छात्रों को असम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती किया गया है।
असम के बोंगाईगांव जिले और कंचनपुर (राधानगर जिले) और त्रिपुरा में मनु (ढालई जिले) में सेना पूरी तरह मुस्तैद है। रक्षा पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल पी खोंगसाई ने कहा, ‘फील्ड कमांडर और सेना मुख्यालय स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। वहीं, तीन दिन से प्रदर्शन से प्रभावित त्रिपुरा में ट्रेनें नहीं चल रही हैं। वहां नैशनल और स्टेट हाइवेज सप्ताह की शुरुआत से ही सुनसान पड़े हैं। सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं।
नागरिकता संशोधन विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए गैर-मुस्लिम शरणार्थी (हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों) के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। असम के मूल निवासी इससे इसलिए चिंतित हैं क्योंकि बांग्लादेश से बड़ी तादाद में आए हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता मिलने बाद राज्य के संसाधनों पर उनका भी कानूनी हक हो जाएगा।